UP Chunav 2022: चुनावी समर में नेताजी यह भी कह रहे- मास्क लगाइए और हमें जिताइए
इस बार प्रचार का तरीका थोड़ा बदला है। नेता लोगों से वोट मांगने के साथ कोरोना से सुरक्षा को लेकर सतर्क भी कर रहे हैं। लोगों को मास्क बांट रहे हैं जो पार्टी के रंग में रंगा है। उस पर पार्टी का लोगो व प्रत्याशी का फोटो लगवा रहे हैं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। चुनावी सरगर्मी चरम पर है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने 22 जनवरी तक रैली व सभाओं पर रोक लगा रखी है। केवल वचुर्अल संवाद की अनुमति है। ऐसे में संभावित प्रत्याशी और उनके समर्थक टोली बनाकर घर-घर जा रहे हैं। वह अपनी पार्टी की उपलब्धियां गिनवा रहे हैं या चुनाव को लेकर उनकी तैयारियों की जानकारी उनसे साझा कर रहे हैं। दावेदारी को मजबूत कर रहे हैं। हां, इस बार लोगों से मिलने व प्रचार का तरीका थोड़ा बदला है। वह लोगों से मिलकर वोट मांग रहे हैं लेकिन कोरोना से सुरक्षा को लेकर सतर्क भी कर रहे हैं। लोगों को जो मास्क बांट रहे हैं, वह पार्टी के रंग में रंगा है। उस पर पार्टी का लोगो व प्रत्याशी का फोटो लगवा रहे हैं। सैनिटाइजर की बोतल पर पार्टी के निशान का लेबल लगवा रहे हैं।
अभी तक चुनाव में पोस्टर, बैनर, स्टीकर और हार्डिंग से माहौल बनता था।
रैली और सभाओं में प्रत्याशी के साथ समर्थकों की भीड़ चलती थी। चुनाव की तिथियों की घोषणा होने के साथ गतिविधियां शीर्ष पर पहुंच जाती थीं। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसे में प्रत्याशियों ने कोरोना के सुरक्षा कवच को ही अपनी पार्टी का चुनाव प्रसार का माध्यम बना लिया है। प्रत्याशी लोगों को जो मास्क दे रहे हैं, वह पार्टी के झंडे के रंग का है। उस पर पार्टी व प्रत्याशी की फोटो है। सैनिटाइजर पर भी पार्टी का निशान है। बदला हुआ यह चुनाव प्रसार का माध्यम मतदाताओं को रिझा भी रहा है। प्रयागराज, कौशांबी और प्रतापगढ़ जिले में पांचवें चरण में मतदान है। अभी सभी पार्टियों ने प्रत्याशियाें की घोषणा नहीं की है। इसलिए चुनाव प्रचार रफ्तार पकड़ नहीं पाया है। संभावित प्रत्याशी भी चुनाव सामग्री पर ज्यादा खर्च नहीं कर हैं। नाम तय होने पर मास्क और सैनिटाइजर उनका मुख्य हथियार हो जाएगा।
15 करोड़ से ज्यादा का होता था कारोबार
पिछले विधानसभा चुनाव तक प्रयागराज में चुनाव सामग्री का कारोबार 15 करोड़ रुपये से अधिक का हो जाता था। एक-एक प्रत्याशी 10 से लेकर 15 लाख रुपये तक की प्रचार सामग्री खरीदा था। इसमें पार्टी की गांधी टोपी, गमछा, साड़ी, हैंड बैंड, बिल्ला, पोस्टर, बैनर, टोपी आदि सामान रहता था। चुनाव प्रचार की सामग्री बेचने वाले थोक विक्रेता मो. कादिर बताते हैं कि पिछले चुनाव तक अच्छा कारोबार हो जाता था। प्रयागराज से आसपास के जिलों की भी प्रचार सामग्री जाती थी। अनुमानित 15 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हाेता था। चुनाव आयोग की ऐसी ही रोक लगी रही तो इस बार पांच करोड़ का कारोबार करना मुश्किल हो जाएगा।
बिल्ले और झंडों की मांग सबसे कम
अभी तक चुनाव में कार्यकर्ता और समर्थक बड़े पैमाने में बिल्ला लगाकर अपनी पार्टी व प्रत्याशी का समर्थन करते थे। मगर इस चुनाव में बिल्ले और झंडे की मांग सबसे कम हो गई है। पिछले लोहे, टीन, कागज, प्लास्टिक, पन्नी के बैच बहुत बिकते थे।छोटे और बड़े झंडों की बहुत मांग हुआ करती थी।
जानिए क्या है रेट
-01 से लेकर 03 रुपये तक बिल्ले
-1.50 रुपये गांधी टोपी
-1.50 से लेकर 7.00 रुपये तक मास्क
-3.50 रुपये टोपी
-4.00 रुपये
-65 से लेकर 80 रुपये तक गमछा
-105 से लेकर 120 रुपये तक साड़ी