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UP Chunav 2022: बाबागंज विधानसभा जहां पांच चुनावों से पिता-पुत्र के सिर पर सजा जीत का ताज

इस सीट पर आखिरी बार 1993 में सपा का खाता खुला था फिर रघुराज प्रताप समर्थक निर्दलीय प्रत्याशियों के आगे किसी की नहीं चली। पिछली तीन बार से इसी सीट से विधायक चुने जाते रहे विनोद सरोज क्या इस बार राजा भैया के दल के टिकट पर फिर विजेता होंगे

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 10:16 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 10:16 AM (IST)
UP Chunav 2022: बाबागंज विधानसभा जहां पांच चुनावों से पिता-पुत्र के सिर पर सजा जीत का ताज
बाबागंज विधानसभा में वर्ष 1996 से निर्दल प्रत्याशी को ही मिलती रही है जीत

दिनेश सिंह, प्रतापगढ़। कभी बिहार के नाम से रही बाबागंज सीट पर रामनाथ सरोज जहां रिपीट हुए, वहीं उनके बेटे विनोद सरोज ने हैट्रिक लगा दी। इस सीट पर आखिरी बार वर्ष 1993 में सपा का खाता खुला था, फिर रघुराज प्रताप सिंह समर्थक निर्दलीय प्रत्याशियों के आगे किसी की नहीं चली। पिछली तीन बार से इसी सीट से विधायक चुने जाते रहे विनोद सरोज क्या इस बार राजा भैया के दल के टिकट पर फिर विजेता होंगे, यह देखने की बात है।

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परिसीमन के बाद वर्ष 1967 में अस्तित्व में आए बिहार विधानसभा सीट पर तीन बार कांग्रेस ने परचम लहराया था। वर्ष 1967 में राम स्वरूप भारती, वर्ष 1980 व 85 में सरजू प्रसाद सरोज निर्वाचित हुए थे। यहां की जनता ने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय क्रांति दल, जनता पार्टी, जनता दल, भाजपा व समाजवादी पार्टी को भी एक-एक बार मौका दिया। वर्ष 1996 में रघुराज प्रताप सिंह ने अपने करीबी रामनाथ सरोज को चुनाव मैदान में उतारा तो उनके सामने कोई नहीं टिक सका। दो चुनावों में लगातार रामनाथ सरोज निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधायक निर्वाचित हुए। उनके निधन के बाद राजा भैया ने उनके बेटे विनोद सरोज को वर्ष 2007 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतारा और उन्होंने लगातार तीन बार इस सीट बार जीत का परचम लहराकर हैट्रिक लगाई।

विनोद सरोज ने वर्ष 2007 में 42,034 मत पाकर बसपा के कृष्णचंद्र को 9,160 मतों से हराया। दूसरे स्थान पर कृष्णचंद्र को 32,874 मत और तीसरे स्थान पर रहे अपना दल के सुरेश भारती को 4,854 मत मिले थे। वर्ष 2012 के चुनाव में इस सीट का नाम बदलकर बाबागंज हो गया। उस चुनाव में निर्दल प्रत्याशी विनोद सरोज ने बसपा प्रत्याशी महेंद्र बौद्ध को 42,066 मतों से शिकस्त दी थी। विनोद सरोज को 69,332 मत और महेंद्र बौद्ध को 27,266 मत मिले थे। जबकि तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के सुरेश भारती को 25,920 मतों पर संतोष करना पड़ा था।

वर्ष 2017 में निर्दल विनोद सरोज ने 87,778 मत पाकर भाजपा प्रत्याशी पवन गौतम को 37,160 मतों से हराया। पवन गौतम को 50,619 मत और तीसरे स्थान पर रहे बसपा प्रत्याशी दयाराम को 17,097 मत मिले थे। निर्दल प्रत्याशी के रूप में हैट्रिक लगाने वाले जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रदेश अध्यक्ष विनोद सरोज इस बार अपनी पार्टी से चुनाव मैदान में किस्मत आजमाएंगे। पार्टी की ओर से जारी पहली सूची में उनका नाम घोषित हो चुका है।

कुल आबादी -- 4,91,569

कुल मतदाता -- 3,18,438 पुरुष -- 1,69,616

महिला -- 1,48,762

थर्ड जेंडर -- 60

कुल मतदान केंद्र-219

कुल बूथ-373

क्रिटिकल मतदान केंद्र -- 51

चिन्हित उपद्रवी -- 27


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