यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के आने से सिराथू विधानसभा सीट पर हलचल बढ़ी, यहां वर्चस्व की रही है जंग
UP Chunav 2022 सिराथू से उनके चुनाव लडऩे पर विपक्ष भी यहां से बड़े नाम की तलाश कर रहा है। सिराथू विधानसभा सीट के चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें तो 1951 से लेकर 2017 तक हमेशा वर्चस्व की जंग हुई है। इस बार इस सीट पर उप मुख्यमंत्री केशव लड़ेंगे।
प्रयागराज, जेएनएन। कौशांबी जनपद की सिराथू विधानसभा सीट अब फ्रंट पर आ चुकी है। सिराथू विधानसभा सीट से यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के चुनाव लडऩे की घोषणा हो चुकी है। इससे यहां पर हलचल तेज हो गई है। केशव मौर्य 2012 में पहली बार सिराथू विधानसभा से ही विधायक बने थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में फूलपुर से सांसद होने पर उन्होंने यहां से त्याग पत्र दे दिया था।
सिराथू सीट पर होती रही है वर्चस्व की जंग
सिराथू से उनके चुनाव लडऩे पर विपक्ष भी यहां से बड़े नाम की तलाश कर रहा है। सिराथू विधानसभा सीट के चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें तो 1951 से लेकर 2017 तक हमेशा वर्चस्व की जंग हुई है। कभी कांग्रेस तो कभी छोटे दल, कभी बसपा, सपा और भाजपा ने यहां पर अपना परचम लहराया है। इस चुनाव में फिर रोमांचक मुकाबले होने की पूरी उम्मीद है।
2017 के चुनाव में भाजपा के शीतला प्रसाद को मिली थी जीत
2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शीतला प्रसाद को प्रत्याशी बनाया था। शीतला प्रसाद 78,621 वोट लेकर विजयी हुए थे। सपा प्रत्याशी वाचस्पति को 52,418 वोट ही मिल पाए थे। 2012 में भाजपा प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्य 57,926 वोट लेकर विधायक बने थे। उन्होंने बसपा प्रत्याशी आनंद मोहन को पराजित किया था। आनंद मोहन को 48,063 हासिल हुए थे। 2007 में बसपा प्रत्याशी वाचस्पति ने बाजी मारी थी। वाचस्पति को 48,997 मत मिले। सपा प्रत्याशी मतेश सोनकर को 26,999 वोट हासिल हुए थे। 2002 में बसपा प्रत्याशी मतेश सोनकर ने जीत हासिल की थी। उन्हें 33,464 वोट मिले थे। मतेश ने सपा प्रत्याशी शैलेंद्र को हराया था। शैलेंद्र को 29,655 वोट मिले थे।
सिराथू से किसे कब मिली थी जीत
1996 में बसपा प्रत्याशी मतेश सोनकर ने 33,295 वोट लेकर जीत हासिल की थी। सपा प्रत्याशी राधेश्याम भारतीया 25,063 वोट लेकर भी हार गए थे। 1993 में बसपा प्रत्याशी राम सजीवन निर्मल 35,885 मत लेकर विधायक बने थे। उन्होंने 8610 मतों से भाजपा प्रत्याशी प्रकाश चंद्र कैथवास को हराया था। 1991 में जनता दल प्रत्याशी भागीरथी ने 20,792 वोट लेकर अपनी पार्टी का झंडा बुलंद किया था। भाजपा प्रत्याशी देशराज 16,637 वोट लेकर भी पार्टी को खुशी नहीं दे पाए थे। 1989 में राधे श्याम भारतीया जनता दल से उम्मीदवार बने। उन्हें 31,387 वोट मिले। कांग्रेस प्रत्याशी पुरुषोत्तम लाल 20,915 वोट ही हासिल कर पाए। 1985 में कांग्रेस के पुरुषोत्तम लाल ने एलकेडी के चौधरी चुन्नी लाल को हराया। पुरुषोत्तम ने 27,721 और चौधरी ने 22,121 मत पड़े थे।
1967 में कांग्रेस ने परचम लहराया था
1980 में कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश प्रसाद ने जेएनपी प्रत्याशी शशि प्रकाश को परास्त किया था। जगदीश को 16,036 और शशि को 12,777 मत मिले थे। 1977 में जेएनपी प्रत्याशी बैजनाथ प्रसाद कुशवाहा ने 18,981 वोट लेकर विजयश्री हासिल की थी। कांग्रेस प्रत्याशी फरीदुलहसन उस्मानी उर्फ अख्तर को 12,710 वोट ही मिल पाए थे। 1974 में बीकेडी प्रत्याशी बैजनाथ कुशवाहा को 11,557 वोट मिले और उन्होंने कांग्रेस के रामचरण त्रिपाठी को हराया। उन्हें 10,478 वोट हासिल हुए थे। 1969 में एसएसपी के रामचरण को 17,803 वोट मिले। कांग्रेस प्रत्याशी मंगला प्रसाद को 11348 मत हासिल करने में कामयाब हो पाए थे। इसी क्रम में 1967 में कांग्रेस ने परचम लहराया था। एमपी तिवारी को विजयश्री मिली। उन्हें 10,773 वोट मिले थे। एसएसपी उम्मीदवार आर चरण दूसरे स्थान पर रहे थे। उन्हें 6,133 वोट मिले थे।
सिराथू से हेमवती नंदन बहुगुणा भी जीते थे
1962 के दंगल में कांग्रेस प्रत्याशी हेमवती नंदन बहुगुणा सिराथू विधानसभा से चुनाव जीते थे। उन्होंने निर्दल प्रत्याशी जगत नारायण को पराजित किया था। हेमवती नंदन बहुगुणा को 11,771 वोट मिले थे। जगत नारायण को 6892 वोट से संतोष करना पड़ा था। 1951 के चुनाव में कांग्रेस के शिवकुमार ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 17,758 वोट मिले थे। उस समय यह सीट सिराथू कम मंझनपुर हुआ करती थी। इस सीट पर तब उपविजेता केएमपी के सालिगराम जयसवाल रहे थे। उन्हें 17,526 वोट मिले थे।
उप चुनाव में वाचस्पति को मिली थी जीत
केशव प्रसाद मौर्य के 2014 में सांसद बनने पर सिराथू में उप चुनाव हुए। इसमें सपा प्रत्याशी वाचस्पति 79,540 वोट लेकर विधायक बने। भाजपा प्रत्याशी संतोष सिंह पटेल को 55,018 से संतोष करना पड़ा था।