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हाईस्कूल परीक्षा में अनुपस्थित दिखा औसत अंक देने के मामले में यूपी बोर्ड सख्त, केंद्र व परीक्षक डिबार, दोनों से वसूलेंगे हर्जाना

हाईस्कूल परीक्षा में शामिल छात्रा को अनुपस्थित दिखाकर औसत अंक देने के मामले में यूपी बोर्ड ने सख्त रुख अपनाया है। कॉपी चेकिंग करने वाले केंद्र और परीक्षक दोनों को डिबार करने के साथ ही केंद्र के प्रधानाचार्य व परीक्षक से हर्जाना वसूल करने का आदेश दिया गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 11:00 PM (IST)
हाईस्कूल परीक्षा में अनुपस्थित दिखा औसत अंक देने के मामले में यूपी बोर्ड सख्त, केंद्र व परीक्षक डिबार, दोनों से वसूलेंगे हर्जाना
हाईस्कूल परीक्षा में शामिल छात्रा को अनुपस्थित दिखाकर औसत अंक देने पर यूपी बोर्ड ने सख्त रुख अपनाया है।

प्रयागराज [राज्य ब्यूरो]। हाईस्कूल परीक्षा में शामिल छात्रा को अनुपस्थित दिखाकर औसत अंक देने के मामले में यूपी बोर्ड ने सख्त रुख अपनाया है। यूपी बोर्ड उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करने वाले केंद्र और परीक्षक दोनों का डिबार कर रहा है। साथ ही केंद्र के प्रधानाचार्य व परीक्षक से जुर्माना वसूल करके छात्रा के पिता के खाते में जमा कराया जाएगा। 

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाईस्कूल परीक्षा में शामिल छात्रा को अनुपस्थित दिखाकर औसत अंक देने और उसे बेवजह परेशान करने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) प्रयागराज के सचिव पर 10 हजार रुपये हर्जाना लगाया है। यह आदेश हाईस्कूल की छात्रा प्रियंका की याचिका पर दिया है। याची ने 2020 की हाईस्कूल की परीक्षा दी। सामाजिक विज्ञान विषय में उसे अनुपस्थित मानकर औसत 26 अंक दिए गए, जबकि अन्य विषयों में उसे गुणवत्ता के अंक मिले हैं।

छात्रा ने कहा कि उसने परीक्षा दी है, उसकी कॉपी मंगाई जाए। कोर्ट के निर्देश पर सरकारी अधिवक्ता ने याची की हाईस्कूल के सामाजिक विज्ञान की कॉपी पेश की। कॉपी की जांच की गई तो उसे 52 अंक मिले, जबकि प्रायोगिक परीक्षा में 30 अंक मिले थे। इस प्रकार कुल 100 में से उसे 82 अंक मिले हैं। कोर्ट ने याची को सरस्वती बालिका विद्या मंदिर इंटर कॉलेज बांदा के प्रधानाचार्य के मार्फत नया अंकपत्र जारी करने का निर्देश दिया है। हर्जाना राशि एक माह में याची के पिता बृजेश कुमार सिंह के बैंक खाते में जमा कराने का निर्देश दिया है।

यूपी बोर्ड प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के अपर सचिव शिव प्रकाश द्विवेदी ने बताया कि छात्रा ने पहले ग्रीवांस सेल में इसकी शिकायत की थी, उस समय जौनपुर स्थित मूल्यांकन केंद्र से अंक मंगाए थे, तब प्रधानाचार्य ने एक ही कॉपी के अंक भेजे। यदि उसी समय अंक सही से जोड़ दिए जाते तो यह नौबत नहीं आती। उन्होंने बताया कि इस मामले में मूल्यांकन केंद्र व परीक्षक दोनों को डिबार कर रहे हैं और मूल्यांकन केंद्र के प्रधानाचार्य व संबंधित परीक्षक से जुर्माना वसूल करके आदेश का अनुपालन करेंगे। द्विवेदी ने यह भी बताया कि छात्रा को संशोधित अंक पत्र पहले ही दिया जा चुका है।

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