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Allahabad University में UGC ने 30 फीसद पाठ्यक्रम की कटौती कर दी है, आप भी जानें इसका कारण

कोरोना के चलते चालू सत्र में स्नातक और परास्नातक में प्रवेश की प्रक्रिया अंतिम पड़ाव पर है। इविवि ने पीजी के सेमेस्टर परीक्षा मार्च और स्नातक की वार्षिक परीक्षा मई में कराने की तैयारी में है। स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की कक्षाएं ऑफलाइन मोड में नहीं संचालित हो सकती।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 11:14 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 11:27 AM (IST)
Allahabad University में UGC ने 30 फीसद पाठ्यक्रम की कटौती कर दी है, आप भी जानें इसका कारण
यूजीसी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्नातक और परास्नातक में पाठ्यक्रम में कटौती का निर्देश दिया है।

प्रयागराज, जेएनएन। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देश पर इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में स्नातक और परास्नातक में सत्र 2020-21 के तहत पाठ्यक्रम में 30 फीसद पाठ्यक्रम कटौती कर दी गई है। यह आंशिक बदलाव कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लिया गया है। इससे परीक्षाएं पुनर्गठित पाठ्यक्रम के आधार पर होंगी।

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कोरोना के चलते चालू सत्र में स्नातक और परास्नातक में प्रवेश की प्रक्रिया अंतिम पड़ाव पर है। इविवि की ओर से पीजी के सेमेस्टर परीक्षा मार्च और स्नातक की वार्षिक परीक्षा मई में कराने की तैयारी में है। स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की कक्षाएं ऑफलाइन मोड में नहीं संचालित हो सकती। जबकि, सितंबर से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हैं। वहीं, प्रयोगात्मक कार्य भी अभी अधूरे हैं। इविवि के हिंदी, अंग्रेजी, भूगोल, रक्षा अध्ययन, भौतिक विज्ञान आदि विभागों में मौजूदा सत्र के लिए पाठ्यक्रम में कटौती की गई है। वहीं, शिक्षा शास्त्र समेत कई विभाग पूरे पाठ्यक्रम पर परीक्षा कराने के पक्ष में हैं। नए सत्र को पटरी पर लाने के लिए किया जा रहा है। वहीं, भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो. एआर सिद्दीकी ने बताया कि पाठ्यक्रम में 30 फीसद कटौती की गई है।

बोर्ड ऑफ स्टडीज ने इसे मंजूरी भी दे दी है। सोमवार को डीन की ओर से पत्र व्यवहार कर पाठ्यक्रम कम किए जाने के बारे में जानकारी मांगी गई।  साथ ही चालू सत्र के लिए संचालित होने वाले पाठ्यक्रम की प्रतिलिपि भी मांगी गई है। 

यूजीसी के निर्देश पर कुछ विभागों ने पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कटौती की है। जिन विभागों में शिक्षकों की कमी नहीं है, उन्होंने यह व्यवस्था लागू नहीं की है। नए सत्र को पटरी पर लाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

- डॉ. जया कपूर, जनसंपर्क अधिकारी, इविवि।


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