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बिजली कनेक्शन न कटे, इसलिए केंद्रीय संचार मंत्री को यूपी के सीएम से करना पड़ा अनुरोध Prayagraj News

केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ को पत्र भेजा है। इसके माध्‍यम से आर्थिक संकट से गुजर रहे बीएसएन के बिजली कनेक्‍शन न काटने का अनुरोध किया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 09:24 AM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 01:20 PM (IST)
बिजली कनेक्शन न कटे, इसलिए केंद्रीय संचार मंत्री को यूपी के सीएम से करना पड़ा अनुरोध Prayagraj News
बिजली कनेक्शन न कटे, इसलिए केंद्रीय संचार मंत्री को यूपी के सीएम से करना पड़ा अनुरोध Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। बीएसएनएल इस कदर आर्थिक संकट से जूझ रहा है कि पूछिए मत। बिजली कनेक्शन भी बिल जमा न होने के कारण काटे जा रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है। बीएसएनएल की इस दीन-हीन हाल पर अब केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने  हस्तक्षेप किया है। उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बकाए विद्युत बिल पर कनेक्शन नहीं काटने का अनुरोध किया है। इस संबंध में उन्होंने सीएम को पत्र लिखा है।

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संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पत्र में चार त्रैमासिक किश्तों में बिल भुगतान को कहा

इसलिए 24 अक्टूबर को संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा कि दूरस्थ क्षेत्रों में बीएसएनएल का ही नेटवर्क है और बिजली काट देने से दूर-दराज के उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। इस समय कंपनी की माली हालत भी ठीक नहीं है, जिसे वह पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए 31 मार्च 2020 तक बकाया विद्युत बिल पर कनेक्शन न काटे जाएं। वह चार त्रैमासिक किश्तों में बिल का भुगतान करवा देंगे। उनके पत्र को मुख्यमंत्री ने यूपीपीसीएल के सीएमडी पास भेजा है। उम्मीद है कि जल्द ही सीएमडी की सहमति के बाद मोबाइल टॉवरों के कनेक्शन कटने बंद हो जाएंगे तो संचार सेवा दुरुस्त होगी।

आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है बीएसएनएल

भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। इससे वह संचार सेवाओं को सुचारु रूप से संचालित नहीं कर पा रहा है। बिजली का बिल भी बकाया है, जिसके कारण विद्युत विभाग मोबाइल टॉवरों और दूर संचार केंद्रों का कनेक्शन काट दे रहा है। इससे संचार सेवा ठप हो जा रही है। प्रयागराज में दूरसंचार केंद्रों, मोबाइल टॉवरों और कार्यालयों का हर महीने बिजली का बिल करीब 80 लाख रुपये होता है। बीएसएनएल इसे हर महीने जमा नहीं कर पाता है। क्योंकि इनकी महीने भर की कमाई करीब दो से ढाई करोड़ है। वह भी दिनों दिन कम होती जा रही है।

अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन देने में भी दिक्कत होती है

अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन देने में भी मुश्किल पेश आती है। निगम होने के बावजूद वह बिजली के बिल, वेतन और अन्य खर्चे के लिए केंद्र सरकार पर निर्भर है। विद्युत बिल जमा न हो पाने के कारण पिछले दिनों दर्जन भर दूर संचार केंद्र और दो दर्जन से अधिक मोबाइल टॉवर के कनेक्शन काट दिए गए जिससे वह ठप हो गए थे। फिलहाल अब कुछ का बिल जमा हुआ तब भी करीब दर्जन भर टॉवर बंद हैं। ऐसी स्थिति देशभर में बीएसएनएल की है।


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