आरएफआइडी के तहत अब माल ढोने में बॉर्डर पर नहीं हो सकेगा खेल
अब ट्रकों में आरएफआइडी लगवाना अनिवार्य किया जाएगा। एक नवंबर से व्यवस्था लागू करने को सर्कुलर जारी हुआ है। इससे अब बार्डर पर ट्रक चालक बॉर्डर पर खेल नहीं कर सकेंगे।
इलाहाबाद: व्यापारियों का माल ढोने में ट्रांसपोर्टर एवं ट्रक चालक अब बॉर्डर पर खेल नहीं कर सकेंगे। एक ई-वे बिल पर सिर्फ एक बार ही माल ढोया (लाया अथवा ले जाने वाला) जा सकेगा।
बॉर्डर पर होने वाली गड़बड़ी रोकने के लिए ही ट्रकों में रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) टैग लगवाना अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में जीएसटी काउंसिल ने सर्कुलर भी जारी कर दिया है। अभी तक व्यापारी जो भी माल दूसरे प्रांतों से मंगवाते अथवा भेजते थे। तो बॉर्डर पर वाहनों की जांच चुंगी वालों के भरोसे होती थी।
वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों का उस पर कोई नियंत्रण नहीं रहता था। ऐसे में ट्रांसपोर्टर एवं ट्रक चालक चुंगी पर सांठगांठ करके एक ई-वे बिल पर एक से ज्यादा बार माल का ट्रांसपोर्ट करते थे। हालांकि, ट्रकों में आरएफआइडी टैग लगने से इस पर अंकुश लगने की उम्मीद है। दरअसल, बॉर्डर पर लगाए जाने वाले आरएफआइडी रीडर से ट्रक की पूरी डिटेल दर्ज हो जाएगी। यह व्यवस्था एक नवंबर से लागू कर दी जाएगी। ट्रकों में यह टैग न लगे होने पर ट्रांसपोर्टर पर जुर्माना भी लगेगा।
जुर्माने का यह है प्रावधान :
-एसजीएसटी/सीजीएसटी अधिनियम की धारा-129 के तहत माल एवं वाहन अभिग्रहीत किया जा सकता है। अर्थदंड भी लगाया जा सकता है।
-धारा-129 के तहत अर्थदंड की धनराशि माल के मूल्य एवं देय जीएसटी के योग के बराबर हो सकती है।
-एसजीएसटी/सीजीएसटी अधिनियम की धारा-120 के तहत माल एवं वाहन जब्त किया जा सकता है। जब्त किए गए माल को नीलाम भी किया जा सकता है।
-एसजीएसटी/सीजीएसटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कर निर्धारण, फाइन, अर्थदंड आदि की कार्रवाई हो सकती है।
एक ई-वे बिल पर एक दिन में 100 किमी माल ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है। निगरानी व्यवस्था बेहतर न होने की दशा में एक ई-वे बिल से बॉर्डर पर कई बार माल ट्रांसपोर्ट किया जाता था। इस व्यवस्था के लागू होने से अफसर ट्रकों की ऑनलाइन निगरानी कर सकेंगे।
-अनुज कुमार, असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर विभाग।