शेखपुर में लगा अघोषित कर्फ्यू, सहमे रहे लोग
पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप ¨सह के पिता उदय प्रताप ¨सह के प्रतापगढ़ स्थित हनुमान मंदिर में भंडारा कराने के एलान को लेकर वहां अघोषित कर्फ्यू सा लगा रहा। फोर्स तैनात रही।
इलाहाबाद : पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप ¨सह के पिता उदय प्रताप ¨सह के प्रतापगढ़ स्थित हनुमान मंदिर पर भंडारा कराने के ऐलान के बीच शुक्रवार को शेखपुर आशिक में अघोषित कर्फ्यू लगा था। पूरे इलाके में हर सड़क पर सिर्फ खाकी ही खाकी दिख रही थी। बवाल की आशंका से सहमे लोगों को सिर्फ शाम को ताजिया दफन होने का इंतजार था।
वैसे तो गुरुवार को ही यह तस्वीर सी हो गई थी कि हनुमान मंदिर पर इस बार भी भंडारा नहीं होने पाएगा क्योंकि प्रशासन ने भंडारा करने से रोक दिया था और उदय प्रताप ¨सह को रात में भदरी महल में हाउस अरेस्ट कर दिया था। इसके बावजूद शेखपुर आशिक गांव के लोग बवाल की आशंका से सहमे थे। उनमें डर था कि उदय प्रताप ¨सह अगर शुक्रवार को भदरी महल से बाहर निकल आए तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी, ऐसे में उनके समर्थकों का आक्रोश फूट सकता है। यही डर अफसरों में भी था। तभी तो भदरी महल के चारों ओर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था।शुक्रवार को शेखपुर आशिक व भदरी महल जाने वाले हर रास्ते में सिर्फ पुलिस ही पुलिस दिख रही थी। भदरी महल गेट पर सुबह से ही एडीएम मनोज कुमार, एएसपी कुंभा मेला भारी तादाद में फोर्स के साथ डट गए थे। जैसे ही कोई चार पहिया वाहन भदरी महल के सामने रुकता था, अफसर फौरन यह जानने का प्रयास करते थे कि उस वाहन पर कौन सवार है। सुबह 8.40 बजे महल के अंदर से कुछ साधू हाथी के साथ जय श्रीराम का नारा लगाते हुए निकलते हैं। यह देख अफसरों की धड़कन बढ़ गई कि कहीं उदय प्रताप ¨सह तो बाहर नहीं आ रहे हैं। उन्हें न देख अफसरों ने राहत की सांस लिया और साधुओं को शेखपुर के बजाय भदरी गांव की ओर मोड़ दिया गया।सैकड़ों की तादाद में फोर्स के साथ डीएम शंभु कुमार, एसपी देव रंजन वर्मा एएसपी पश्चिमी शिवाजी शुक्ला के साथ हनुमान मंदिर पर डटे थे। उनकी नजर मंदिर और लखनऊ-इलाहाबाद हाईवे पर गड़ी थी। अगर कोई भी व्यक्ति हाईवे पर रुकता था तो पुलिस उससे पूछताछ करने लगती थी। दस बजे लंच पैकेट मिलते ही पुलिस कर्मी खाना शुरू कर दिए। इसी बीच पहुंचे निर्भय ¨सह ने इजाजत मिलने पर हनुमान जी का पूजा पाठ शुरू किया। जयश्री राम व बजरंग बली का जयकारा गूंजने लगता है। भंडारे की इजाजत न देने वाले डीएम, एसपी समेत सभी अफसरों ने हनुमान जी को लगाए गए भोग (लड्डू) का प्रसाद ग्रहण किया।मंदिर के पास भंडारे के आयोजकों के बैठने के लिए पंडाल तो लगा था, लेकिन उसमें बैठने की इजाजत किसी को नहीं थी। दोपहर आइजी मोहित अग्रवाल के आने के पहले गेरुआ गमछाधारी तीन युवक मंदिर पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। आइजी ने सीओ कुंडा से मोहर्रम के जुलूस निकलने और कर्बला में ताजिया दफन करने के समय के बारे में पूछा। फिर उन्होंने डीएम, एसपी, सीडीओ से सुरक्षा व्यवस्था के बारे में गुफ्तगूं किए। दोपहर ढाई बजे मोहर्रम का जुलूस निकला तो अफसर और पुलिस कर्मी अलर्ट हो गए। जुलूस के दौरान सड़क के दोनों तरफ पुलिस सुरक्षा घेरा बनाकर चल रही थी। शेखपुर आशिक और भदरी इलाके का यह आलम था कि हर सड़क पर पुलिस का सख्त पहरा था। इक्का-दुक्का वे लोग ही सड़क पर दिखे, जो जरूरी काम से घर से निकले थे। कुंडा से लेकर जिला मुख्यालय तक हर कोई यह जानने का प्रयास कर रहा था कि शेखपुर आशिक में कुछ बवाल तो नहीं हुआ। पूरे दिन लोगों की नजर शेखपुर व भदरी महल के माहौल पर लगी रही।