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18 माह बाद नैनी जेल से बाहर आए उदयभान व सूरजभान करवरिया मगर कपिलमुनि की अभी नहीं हो सकी रिहाई

पूर्व सांसद कपिलमुनि की रिहाई एक मुकदमे में बेल न होने के कारण अटक गई। उनके भी जल्द बाहर आने के आसार है। हाईकोर्ट से अल्पकालिक जमानत मिलने पर करवरिया बंधु के स्वजनों को राहत भी मिली है। वहीं सुरक्षा के लिए पुलिस फोर्स की तैनाती की जा रही है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 06:50 AM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 06:50 AM (IST)
18 माह बाद नैनी जेल से बाहर आए उदयभान व सूरजभान करवरिया मगर कपिलमुनि की अभी नहीं हो सकी रिहाई
पूर्व विधायक उदयभान और उनके भाई पूर्व एमएलसी सूरजभान गुरुवार रात 18 माह बाद पेरोल पर बाहर आ गए

प्रयागराज, जेएनएन। सेंट्रल जेल नैनी में कैद पूर्व विधायक उदयभान और उनके भाई पूर्व एमएलसी सूरजभान गुरुवार रात 18 माह बाद पेरोल पर बाहर आ गए। हालांकि उनके बड़े भाई पूर्व सांसद कपिलमुनि की रिहाई एक मुकदमे में बेल न होने के कारण अटक गई। उनके भी जल्द बाहर आने के आसार है। हाईकोर्ट से अल्पकालिक जमानत मिलने पर करवरिया बंधु के स्वजनों को राहत भी मिली है। वहीं, सुरक्षा के लिए पुलिस फोर्स की तैनाती की जा रही है। इनका मकान अतरसुइया थाना क्षेत्र के कल्याणी देवी मोहल्ले में है, जहां घर में रहने के दौरान निगरानी होती रहेगी। 

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पूर्व विधायक पंडित जवाहर हत्याकांड में हुई है उम्रकैद 

हाईकोर्ट के आदेश पर रात करीब साढ़े 10 बजे दोनों भाई जेल से बाहर आए। इसके बाद निजी वाहन से समर्थकों व करीबियों के साथ अपने घर पहुंचे। उनकी सुरक्षा में फिलहाल कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं था, लेकिन रिहाई के वक्त जेल के बाहर भीड़ लगने पर चौकी इंचार्ज जरूर पहुंच गए। वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय का कहना है कि वाराणसी के एक मुकदमे में कैदी कपिलमुनि को बेल न मिलने के कारण पेरोल पर नहीं छोड़ा गया है। इससे पहले करवरिया बंधु को शादी में शामिल होने के लिए पेरोल पर रिहाई मिली थी। मगर उस वक्त इन्हें आजीवन कारावास की सजा नहीं हुई थी। सपा सरकार में ही दिल्ली में इलाज कराने के बाद प्रयागराज आने पर उदयभान जेल से पहले अपने घर चले गए थे, तब उनकी अभिरक्षा में तैनात कई पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया था। 13 अगस्त 1996 को सिविल लाइंस में पूर्व सपा विधायक जवाहर पंडित की हत्या हुई थी। इस मुकदमे में 23 साल बाद जिला अदालत के एडीजे पंचम की कोर्ट ने चार नवंबर 2019 को कपिलमुनि, उदयभान, सूरजभान व रामचंद्र उर्फ कल्लू को उम्रकैद की सजा से दंडित किया था। साथ ही सभी को मिलाकर सात लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। सलाखों के पीछे जाने के बाद करवरिया बंधुओं की तबियत बिगडऩे पर ही इलाज के लिए कभी-कभार स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल लाया गया था, लेकिन पेरोल नहीं मिली थी। एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी का कहना है कि कोविड की गाइड लाइन का अनुपाल करते हुए सिक्योरिटी का एसेस्मेंट किया जाएगा।


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