प्रयागराज में रेलवे ट्रैक पर फर्जी बम रखने में सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर दो संदिग्ध युवक
लैप्रोसी चौराहे के पास स्थित रेलवे अंडर पास ब्रिज के नीचे नकली बम मिला था। उसके साथ एक चिट्ठी थी जिसमें रेलवे से आठ करोड़ रुपये की मांग की गई थी। इस घटना की तहकीकात चल रही थी कि मेजा और फिर मांडा में ऐसा ही मामला सामने आया।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। रेलवे अंडर पास ब्रिज के नीचे ‘डिब्बा बम’ और खत रखकर सनसनी फैलाने के मामले में सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर दो संदिग्ध व्यक्ति आ गए हैं। दोनों को पूछताछ के लिए उठा लिया गया है और उनकी हैंड राइटिंग का मिलान भी करवाया जा रहा है। अब तक तफ्तीश में नकली बम प्लांट कर दहशत फैलाने वालों के बारे में ठोस सुराग नहीं मिला है, मगर यह संकेत जरूर मिले हैं कि आरोपित यमुनापार इलाके के निवासी हो सकते हैं। इसी आधार पर छानबीन में स्थानीय पुलिस के अलावा एसओजी और सर्विलांस टीम को भी लगा दिया गया है। पुलिस की कोशिश है कि ऐसी कारगुजारी करने वाले शख्स को जल्द पकड़ लिया जाए।
लेप्रोसी चौराहे के पास अंडर पास के नीचे रखा था पहले बोतल बम
सबसे पहले नैनी में लैप्रोसी चौराहे के पास स्थित रेलवे अंडर पास ब्रिज के नीचे नकली बम मिला था। उसके साथ हाथ से लिखी एक चिट्ठी भी पाई गई थी, जिसमें रेलवे से आठ करोड़ रुपये की मांग की गई थी। इसी घटना की तहकीकात चल ही रही थी कि मेजा और फिर मांडा में ऐसा ही मामला सामने आया। दोनों ही जगह रेलवे के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिल्ली-हावड़ा रूट पर बने रेलवे अंडर पास ब्रिज पर नकली बम व खत रखे गए। पुलिस का कहना है कि मेजा में जो नकली डिब्बा बम मिला था, उसे लाल रंग के ताजे पेंट से पोता गया था।
इस आधार पर कुछ लोगों के बारे में जानकारी जुटाते हुए कई संदिग्ध से पूछताछ की गई। फिर दो युवकों का नाम प्रकाश में आया, जिनकी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। अब उनके मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट, हैंड राइटिंग व दूसरे तथ्यों के बारे में पता लगाकर भूमिका की जांच चल रही है। पुलिस के साथ ही सुरक्षा एजेंसियां भी इस मामले को अपने-अपने स्तर पर देख रही हैं।