माघ मेले में इस बार एलईडी से दो करोड़ की बचाई गई है बिजली Prayagraj News
पहली बार मेला क्षेत्र में एलईडी लगाई गईं। 2018 में प्रयोग के तौर पर तीन हजार एलईडी लगी थीं। दिव्य कुंभ भव्य कुंभ में भी इनका प्रयोग हुआ था।
प्रयागराज, जेएनएन। माघ मेला में इस बार लगभग दो करोड़ रुपये की बिजली की बचत की गई है। दरअसल, इस बार पूरे मेला क्षेत्र में एलईडी लगाई गई थी, जिससे साढ़े तीन करोड़ रुपये की बिजली खर्च हुई है। पहले हैलोजन लगाए जाते थे जिससे ज्यादा बिजली खर्च होती थी। इस बार जितने क्षेत्र में एलईडी फिटिंग लगाई गई है उतने स्थानों हैलोजन लगाए जाते तो लगभग साढ़े पांच करोड़ रुपये से ज्यादा बिजली खर्च हो जाती।
माघ मेला में पहली बार एलईडी की थी व्यवस्था
पहली बार मेला क्षेत्र में एलईडी लगाई गईं। 2018 में प्रयोग के तौर पर तीन हजार एलईडी लगी थीं। दिव्य कुंभ भव्य कुंभ में भी इनका प्रयोग हुआ था। इस बार एलईडी फिटिंग की कीमत सात से नौ हजार थी।
एलईडी की थी तीन रेंज
पहली रेंज 105 से 110 वॉट, दूसरी 150 से 165 तथा तीसरी 240 से 250 थी। हाईमास्ट में 260 वॉट की फ्लड लाइट्स लगी थीं। प्रमुख चौराहों, पांटून पुलों पर तथा संगम स्नान घाटों पर हाईमास्ट लगाए गए थे।
एक लाख कनेक्शन दिए गए
माघ मेला में इस दफे एक लाख दो हजार कनेक्शन शिविरों में दिए गए थे। सरकारी कार्यालयों के शिविरों व दुकानों में कनेक्शन दिए गए थे। लगभग 34 हजार शिविरों में 24 घंटे आपूर्ति वाले कनेक्शन दिए गए थे।
मेले में बने थे 23 विद्युत उपकेंद्र
इस बार 23 विद्युत उपकेंद्र स्थापित किए गए थे। लगभग 400 किमी एलटी लाइन व 45 किमी एचटी लाइन खींची गई थी। 400 केवीए के 49 और 100 केवीए के 28 ट्रांसफार्मर लगाए गए थे।
खास बातें
3.5 करोड़ रुपये की खर्च हुई इस साल माघ मेला में बिजली
15 हजार के करीब एलईडी फिटिंग लगाई गई थी पूरे मेला क्षेत्र में
5.5 करोड़ की बिजली खर्च हो जाती 15 हजार हैलोजन जलने पर
50 हाईमास्ट भी लगाई गए गए थे संगम के स्नान घाटों के किनारे।
स्नान पर्वों पर दो लाख यूनिट होती थी बिजली खर्च
प्रमुख स्नान पर्वों पर तथा इसके एक दिन पहले और इसके एक दिन बाद लगभग दो लाख यूनिट बिजली रोज खर्च हुई। सामान्य दिनों में लगभग 60 हजार यूनिट बिजली खर्च हुई।
बोले बिजली अफसर
माघ मेला 2020 विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता आरके यादव ने बताया कि माघ मेला में एलईडी फिटिंग से बिजली की काफी बचत हुई है। पहले हैलोजन में ज्यादा बिजली खर्च होती थी। अब शासन ने हर माघ मेला में एलईडी फिटिंग प्रयोग करने की मंजूरी दे दी है।