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Kumbh mela 2019 : नकली नोटों के साथ पकड़े गए दो बांग्लादेशी, एक और गिरफ्तार

जम्मू कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले के बाद यहां भी अलर्ट घोषित किया गया था। चेकिंग के दौरान एटीएम ने तीन संदिग्‍ध बांग्‍लादेशियों को पकड़ा। इनमें से दो के पास नकली भारतीय मुद्रा बरामद हुई।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 02:26 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 02:26 PM (IST)
Kumbh mela 2019 : नकली नोटों के साथ पकड़े गए दो बांग्लादेशी, एक और गिरफ्तार
Kumbh mela 2019 : नकली नोटों के साथ पकड़े गए दो बांग्लादेशी, एक और गिरफ्तार
प्रयागराज : कुंभ मेला क्षेत्र और शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से तीन बांग्लादेशियों को एटीएस ने गिरफ्तार किया। दो के पास नकली नोट मिले हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है।
  जम्मू कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले के बाद प्रयागराज शहर और कुंभ मेले में अलर्ट घोषित कर दिया गया था। चेकिंग के दौरान शुक्रवार की देर शाम क्राइम ब्रांच ने एक संदिग्ध बांग्लादेशी युवक को मेला के अखाड़ा थाना क्षेत्र इलाके में पकड़ा। उसका नाम बबलू राय बताया गया है। वहीं एटीएस ने अलोपीबाग से भी एक संदिग्ध बांग्लादेशी को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ के बाद एक और संदिग्ध को पकड़ा गया। दोनों के पास नकली भारतीय मुद्रा मिली है। कितनी नोट बरामद हुई, पता नहीं चल सका है। हालांकि एजेंसियां आतंकी कनेक्शन भी खंगाल रही हैं।

एसएसपी बोले
इस संबंध में एसएसपी नितिन तिवारी ने कहा कि कुछ संदिग्ध बांग्लादेशियों को पकड़ा गया है। मामला नकली नोट से जुड़ा है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

बबलू ने दो हजार रुपये में बार्डर पार किया था
कुंभ मेले में पकड़े गए संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक बबलू राय ने पूछताछ के दौरान चौंकाने वाली जानकारी दी है। बताया कि उसने भारतीय सीमा में प्रवेश करने के लिए दो हजार रुपये दिए थे। बबलू पुत्र मदन राय बांग्लादेश के रंगपूरा जिले के हृदयपुर थाना क्षेत्र स्थित कुर्सियाकला गांव का निवासी है।

पश्चिम बंगाल के बिलाजपुर बार्डर होकर भारत में दाखिल हुआ
एडिशनल एसपी सुरक्षा आशुतोष मिश्रा ने बताया कि बबलू बांग्लादेश के शोथपुर जिले के रास्ते चोरी से पश्चिम बंगाल के बिलाजपुर बार्डर होकर भारत में दाखिल हुआ। सोमवार को भारत में प्रवेश करने के बाद ट्रेन पकड़कर प्रयागराज आया और फिर कुंभ मेले में पहुंच गया।

हिलेरी बार्डर से नहीं घुस सका था बबलू
बबलू का यह भी कहना है कि वह पहले हिलेरी बार्डर गया था, जहां से उसे  घुसने नहीं दिया गया था। इसके बाद बालूघाट होकर बिलाजपुर पहुंचा था। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि तलाश में उसके पास से कोई भी पहचान पत्र बरामद नहीं हुआ। पूछताछ में उसने बताया कि उसे हरिद्वार के एक बाबा की तलाश है, जो उनका असली गुरू है। किसी ने उससे कहा था कि गुरू का चरण धोकर पानी पीने से पुण्य होगा। हालांकि पुलिस और खुफिया एजेंसी बबलू से सच्चाई का पता लगा रही है। वहीं, एटीएस की गिरफ्त में आए बांग्लादेशियों की भूमिका अब तक की जांच में संदिग्ध मिली है। एटीएस उनके नेटवर्क, स्थानीय मददगार समेत अन्य के बारे में जानकारी जुटा रही है।

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