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27 वर्ष पूर्व दलित की हत्या में दो को आजीवन कारावास की सजा, प्रयागराज की घटना में कोर्ट का फैसला

विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट रामकेश ने 27 वर्ष पुराने मुकदमे में फैसला सुनाया। दलित की प्रयागराज के सरायइनायत में हत्‍या की गई थी। दो आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत ने आदेश दिया कि अर्थदंड जमा होने पर आधी धनराशि मृतक की पत्नी को दी जाएगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 10:31 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 10:31 AM (IST)
27 वर्ष पूर्व दलित की हत्या में दो को आजीवन कारावास की सजा, प्रयागराज की घटना में कोर्ट का फैसला
प्रयागराज में 27 वर्ष पूर्व हुई दलित की हत्‍या के मामले में विशेष न्‍यायाधीश एससीएसटी एक्‍ट ने सजा सुनाई।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज में सरायइनायत थाना क्षेत्र के नीबी कला गांव निवासी दलित रामजी की हत्या के मामले में आरोपित कल्लू और शमशाद अहमद उर्फ इलाहाबादी मियां को आजीवन कारावास से दंडित किया गया है। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट रामकेश ने 27 वर्ष पुराने मुकदमे में फैसला सुनाया। साथ ही आरोपितों पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।

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अर्थदंड की आधी धनराशि मृतक की पत्‍नी को देने का आदेश

अदालत ने आदेश दिया कि अर्थदंड जमा होने पर आधी धनराशि मृतक की पत्नी को दी जाएगी। अदालत ने यह आदेश लोक अभियोजक अखिलानंद दिवेदी, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी गुलाब चंद्र के तर्कों को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध सबूतों का अवलोकन करने के बाद दिया।

सरायइनायत थाना क्षेत्र में 1994 में हुई थी वारदात

छह सितंबर 1994 को रामफल ने थाना सरायइनायत में भल्लू, कल्लू, लवकुश दुबे और इलाहाबादी मियां के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसके बेटे रामजी को आरोपितों ने घर से बाहर बुलाया। घर से कुछ दूर ले जाने के बाद बचाओ बचाओ की आवाज आई, पास जाने पर देखा तो आरोपित उसे तमंचे की बट और चाकू से मार रहे थे, जिससे मौके पर ही मृत्यु हो गई। मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही दो आरोपितों की मौत हो गई।

नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वालों की जमानत खारिज

नौकरी दिलाने के नाम फर्जीवाड़ा करने और 61 लाख रुपये हड़पने के आरोपित राम कैलाश तिवारी की जमानत अर्जी सेशन कोर्ट ने खारिज कर दी है। अभियुक्तों ने एनटीपीसी में नौकरी दिलाने के नाम पर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन का फर्जी हस्ताक्षर करके, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल के नाम पत्र और एनटीपीसी के अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर से नियुक्ति पत्र जारी किया था। अपर सत्र न्यायाधीश रागिनी ने एडीजीसी टीएन दीक्षित, मारुत्यानंद और आरोपित के अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद अर्जी नामंजूर किया।

मेजा थाने का है मामला

मामला मेजा थाने का है। विजय शंकर तिवारी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि गांव के राम कैलाश तिवारी एनटीपीसी में किसी ठेकेदार के साथ काम करते थे। राम कैलाश ने उसके लड़के नीरज तिवारी जो साफ्टवेयर इंजीनियर और धीरज तिवारी जो एमबीए की डिग्री रखता है, को एनटीपीसी में नौकरी लगवाने की बात कही थी। इसके बाबत वादी से 2013 से 2018 के बीच लगभग 61 लाख रुपए बैंक खाता एवं नगद लिया और उसके पुत्रों को फर्जी नियुक्ति पत्र व गेट पास तक दिया। नौकरी न मिलने पर जब पैसा मांगा गया तो जान से मारने की धमकी दी।

जिला अदालत ने गांजा तस्करी में जमानत रद की

गांजा तस्करी के आरोपित सोनू निषाद उर्फ सोनू टकला की जमानत अर्जी जिला न्यायालय ने खारिज कर दी है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश निशा ङ्क्षसह ने विशेष लोक अभियोजक श्रीप्रकाश एवं आरोपित के अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के बाद जमानत अर्जी को नामंजूर कर दिया। दारागंज थाने की पुलिस ने आरोपित के पास से एक किलो 200 ग्राम गांजा बरामद किया था। अभियोजन ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा कि आरोपित के खिलाफ 16 मुकदमे दर्ज हैं।


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