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नदी अधिकार यात्रा को लेकर प्रयागराज के कांग्रेसियों में खींचतान, प्रियंका गांधी वाड्रा को चेहरा दिखाने वाले पदाधिकारी गायब

मंगलवार को रात्रि विश्राम करछना के डीहा में हुआ। कुल 28 गांवों में सियासी संवाद हुआ। इस दावे से इतर स्थिति यह है कि यात्रा को लेकर कांग्रेसियों में कलह तेज हो चली है। कांग्रेस महासचिव के सामने चेहरे दिखाने वाले भी यात्रा में शामिल होने से बच रहे हैं

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 08:00 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 08:00 AM (IST)
नदी अधिकार यात्रा को लेकर प्रयागराज के कांग्रेसियों में खींचतान, प्रियंका गांधी वाड्रा को चेहरा दिखाने वाले पदाधिकारी गायब
जिला-शहर कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों की बेरुखी साफ नजर आ रही है।

प्रयागराज, जेएनएन। निषाद समुदाय के सहारे आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पकड़ मजबूत करने में जुटी कांग्रेस की कोशिश आपसी खींचतान की भेंट चढ़ सकती है। उसके अपने ही सिपाहियों की अति महत्वाकांक्षा राह में आड़े आ सकती है। घूरपुर के बसवार गांव से सोमवार को शुरू हुई नदी अधिकार यात्रा में सिर्फ वही चेहरे नजर आ रहे हैैं जिन्हें शीर्ष नेतृत्व से दायित्व सौंपा गया है। जिला-शहर कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों की बेरुखी साफ नजर आ रही है। वैसे अधिकृत तौर पर आल इज वेल बताया जा रहा है। 

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मवैया में रात्रि विश्राम के बाद पस्त हुए कांग्रेसियों के हौसले

बीती चार फरवरी को बसवार गांव में यमुना से बालू के अवैध खनन के खिलाफ की गई कार्रवाई में दर्जन भर नावें तोड़े जाने और निषाद समुदाय के दो सौ लोगों खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे ने विपक्षी दलों को सरकार पर हमलावर होने का मौका दे दिया है। पहले समाजवादी पार्टी ने मोर्चा खोला फिर निषाद पार्टी ने। कांग्रेस को भी सियासी संभावनाएं दिखीं तो 21 फरवरी को पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा खुद बसवार गांव पहुंचीं। संसद से सड़क तक लडऩे का ऐलान तो किया ही, दिल्ली वापसी के बाद बलिया के मांझी घाट तक नदी अधिकार यात्रा निकालने का ऐलान भी कर दिया। सोमवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने नदी अधिकार यात्रा बसवार गांव से शुरू की। पार्टी के पिछड़ा वर्ग विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज यादव का दावा है कि 56 सदस्यीय टीम का पहले दिन मवैया में रात्रि विश्राम हुआ। दूसरे दिन यानी मंगलवार को रात्रि विश्राम करछना के डीहा में हुआ। कुल 28 गांवों में सियासी संवाद हुआ। इस दावे से इतर स्थिति यह है कि यात्रा को लेकर कांग्रेसियों में कलह तेज हो चली है। कांग्रेस महासचिव के सामने चेहरे दिखाने वाले भी यात्रा में शामिल होने से बच रहे हैं। कई पदाधिकारी दूसरे दिन नहीं दिखे। वह अपने कार्यों में व्यस्त थे। हालांकि महानगर अध्यक्ष नफीस अनवर ने बताया कि कलह जैसी कोई बात नहीं है। जिस सीमा क्षेत्र में यात्रा पहुंचेगी, वहां के पदाधिकारी शामिल होंगे।


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