वैष्णो देवी धाम जैसा बनेगा प्रयागराज में तीर्थ पुरोहितों का ट्रस्ट Prayagraj News
संगम किनारे की जमीन सेना की है। इसी पर कुंभ अद्र्धकुंभ और हर साल माघ मेला लगता है। इन आयोजनों के लिए जिला प्रशासन सेना से हर साल लीज पर जमीन लेता है।
प्रयागराज,जेएनएन । वैष्णो देवी धाम और तिरुपति बालाजी की तर्ज पर अब प्रयागराज में भी संगम किनारे तीर्थ पुरोहितों का ट्रस्ट बनाया जाएगा। इसके लिए सेना योजना बन रही है। ट्रस्ट बनने पर सभी तीर्थ पुरोहितों को एक निर्धारित जगह दी जाएगी और पूजा कराने वालों की शुल्क की पर्ची कटेगी। इससे पूजा पाठ का आयोजन व्यवस्थित होगा और श्रद्धालुओं से मनमानी वसूली भी रुकेगी।
सदियों से संगम किनारे परंपरागत पूजा पाठ कराते हैं तीर्थ पुरोहत
दरअसल, संगम किनारे की जमीन सेना की है। इसी पर कुंभ, अद्र्धकुंभ और हर साल माघ मेला लगता है। इन आयोजनों के लिए जिला प्रशासन सेना से हर साल लीज पर जमीन लेता है। इसके अलावा यहीं पर संगम किनारे सदियों से साल के बारहों महीने तीर्थ पुरोहित पूजा कराते आए हैं। चूंकि वह परंपरागत पूजा पाठ कराते आए हैं, इसलिए कभी अनुमति लेने की जरूरत नहीं समझी। यहां पर देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु अस्थि विसर्जन, पिंडदान, गोदान, मुंडन आदि कराते हैं। पिछले दिनों सेना ने अपनी जमीन खाली कराने के मकसद से तीर्थ पुरोहितों को बेदखल कर दिया। उसके बाद से तीर्थ पुरोहित आंदोलित हैं और दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी भी हो रही है। ऐसे में सेना ने बीच का रास्ता निकालते हुए कहा कि यहां भी उसी तरह ट्रस्ट बनाया जाएगा, जिस तरह वैष्णो देवी धाम और तिरुपति बालाजी में है।
ट्रस्ट बनने से यह होगा
ट्रस्ट बनने से तीर्थ पुरोहितों के लिए स्थान निर्धारित कर दिया जाएगा। साथ ही यहां पूजा कराने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुछ शुल्क निर्धारित किया जाएगा। उसकी पर्ची कटेगी। इससे सभी काम व्यवस्थित होंगे और किसी को कोई परेशानी भी नहीं होगी।
ट्रस्ट में यह होंगे शामिल
ट्रस्ट में सेना, प्रशासन और तीर्थ पुरोहितों के संगठन प्रयागवाल सभा के पदाधिकारी रहेंगे। शुल्क की धनराशि से वहां की व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी।
श्रद्धालु व पंडों की सुविधा बनी रहे
प्रयागवाल सभा के महामंत्री राजेंद्र पॉलीवाल ने बताया कि सेना के हर अच्छे कदम का वह स्वागत करते हैं। जो भी व्यवस्था बने उसमें श्रद्धालुओं और तीर्थ पुरोहितों की सुविधा का ध्यान रखा जाय। लेकिन, पिछले दिनों सेना ने हमारे ठीहों पर जो तोडफ़ोड़ की है, उससे प्रयागवाल सभा आहत है। अभी भी वहां पर पूजा कराने के लिए तंबू लगाते हैं तो सेना के जवान जाकर रोकते हैं।