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हैरत की बात, प्रयागराज के इस महिला अस्पताल में 13 वर्ष बाद भी नहीं शुरू हो सका इलाज

लालापुर के अमिलिया तरहार में लगभग 32 लाख रुपये की लागत से वर्ष 2007 में बनाया गया सरकारी महिला अस्पताल 13 वर्षों से निर्मित होने के बाद भी विभागीय उपेक्षा का शिकार है। इस अस्पताल में आज तक इलाज नहीं शुरू हो सका है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 01:47 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 01:47 PM (IST)
प्रयागराज-चित्रकूट जिले की सीमा पर स्थित अमिलिया तरहार गांव में महिला अस्‍पताल में इलाज नहीं शुरू हो सका।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में कालिंदी तीरे चित्रकूट जिले की सीमा पर स्थित अमिलिया तरहार गांव है। इस गांव में 13 वर्ष पहले महिला अस्पताल बना था। तब इस गांव के साथ ही आसपास के गांवों की महिलाओं में खुशी की लहर दौड़ गई थी कि उनका इलाज पास के अस्पताल में हो सकेगा। हालांकि उनकी खुशी बहुत दिनों तक नहीं थी, क्योंकि अस्पताल में इलाज ही नहीं शुरू हो सका। अब तो अस्पताल का भवन बीमार महिलाओं को चिढ़ाने लगा है।

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अस्पताल में आज तक इलाज नहीं शुरू हो सका

महिलाओं को स्वस्थ रखने के लिए सरकार द्वारा भले ही मुहिम चलाई जाती है। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही भी देखने को मिलती है। यही कारण है कि लालापुर क्षेत्र की महिलाओं को आज भी प्रसव पीड़ा से लेकर अन्य बीमारियों के इलाज के लिए लगभग 20 किमी दूर जाना पड़ता है। लालापुर के अमिलिया तरहार में लगभग 32 लाख रुपये की लागत से वर्ष 2007 में बनाया गया सरकारी महिला अस्पताल 13 वर्षों से निर्मित होने के बाद भी विभागीय उपेक्षा का शिकार है। इस अस्पताल में आज तक इलाज नहीं शुरू हो सका है। जबकि जनप्रतिनिधियों सहित उच्च अधिकारियों को कई बार क्षेत्रीय लोगों ने लिखित शिकायती पत्र दिया मगर अस्पताल चालू कराने की पहल किसी ने नहीं की।

15 लाख रुपये की लागत से महिला अस्पताल का नवीनीकरण भी कराया गया

यही नहीं, वर्ष 2019 में लगभग 15 लाख रुपये की लागत से महिला अस्पताल का नवीनीकरण कराया गया था। तब भी क्षेत्रीय लोगों में कुछ आस जगी थी कि नवीनीकरण के बाद शायद महिला अस्पताल चालू हो जाएगा। हालांकि एक बार फिर उन्‍हें मायूस ही होना पड़ा। अमिलिया के श्रीनारायण तिवारी, अरविंद तिवारी, चंद्रप्रकाश गर्ग, संजय तिवारी, ग्राम प्रधान विमला देवी, धनंजय द्विवेदी, भोला दुबे, सोई बाबा, लालापुर के शंकरलाल पांडेय, रमाशंकर तिवारी, नौढिय़ा तरहार के शेषमणि द्विवेदी, डेराबारी के अरुण शुक्ला, गोईसरा ग्राम प्रधान उचित नारायण यादव, अखिलेश पांडेय इससे व्‍यथित हैं।

विधायक, सांसद सहित मुख्यमंत्री से भी मांग की गई थी

लोगों ने बताया कि 15 बेड वाले अस्पताल को चालू कराने के लिए विधायक, सांसद सहित जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक कई बार शिकायती पत्र दिया गया परंतु नतीजा कुछ नहीं निकला। रखरखाव के अभाव में अस्पताल बिना डॉक्टर के खाली पड़ा है। ग्रामीणों के अनुसार महिलाओं को प्रसव पीड़ा के दौरान अथवा अन्य बीमारियों के इलाज के लिए 20 किमी दूर शंकरगढ़ या फिर जसरा जाना पड़ता है। कई बार समय से वाहन न मिलने पर प्रसव पीडि़ता की मौत भी हो चुकी है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से लालापुर के अमिलिया तरहार में तेरह वर्ष पूर्व बने महिला अस्पताल को चालू करवाए जाने की मांग की है।


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