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समय से रिटर्न न जमा करने वालों की गलती का खामियाजा इन्‍हें भुगतना पड़ रहा है

प्रयागराज में सिविल लाइंस व्‍यापार मंडल के प्रतिनिधियों ने वाणिज्‍य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा। कहा कि व्यापारी अपने जीएसटीआर-3 में सभी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं ले पा रहे हैं जबकि उनकी खरीद वैध है और ज्यादातर भुगतान किया जाता है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 09:42 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 09:42 AM (IST)
समय से रिटर्न न जमा करने वालों की गलती का खामियाजा इन्‍हें भुगतना पड़ रहा है
सिविल लाइंस व्यापार मंडल के प्रतिनिधिमंडल ने वाणिज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-वन को समस्‍या बताई।

प्रयागराज, जेएनएन। कई ऐसे भी व्‍यापारी हैं, जिन्‍होंने समय से रिटर्न नहीं जमा किया। उनकी गलती का खामियाजा ईमानदार कारोबारियों को भुगतना पड़ रहा है। आइटीसी का लाभ न मिलने से व्‍यापारी परेशान हैं। विभागीय स्तर से शिकायतों का निस्तारण नहीं हो रहा है। ऐसे में व्यापार मंडल ने वाणिज्‍य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर को अपनी समस्याओं से अवगत कराया।

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सिविल लाइंस व्यापार मंडल के प्रतिनिधिमंडल ने वाणिज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-वन दयाशंकर तिवारी से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने व्यापारियों के जीएसटीआर-3 में सभी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ नहीं ले पाने, समय से जीएसटीआर-1 रिटर्न न दाखिल करने वालों का खामियाजा ईमानदार कारोबारियों के भुगतने, विभागीय स्तर से शिकायतों का निस्तारण न होने के बारे में उन्हें अवगत कराया।

व्‍यापार मंडल के प्रतिनिधियों ने वाणिज्‍य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर को बताया कि व्यापारी अपने जीएसटीआर-3 में सभी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, जबकि उनकी खरीद वैध है और ज्यादातर भुगतान बैंक ट्रांजेक्शन के जरिए किया जाता है। आइटीसी केवल इसलिए नहीं मिल रही है, क्योंकि जिस व्यापारी से हमने खरीद की है, उसने अपना जीएसटीआर-1 समय से नहीं फाइल किया। व्यापारी खरीद का पूरा भुगतान करने के बावजूद आइटीसी का लाभ नहीं पा रहा है, जिससे उसे नुकसान हो रहा है।

यह भी अवगत कराया कि विभाग में शिकायत करने पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है। यह बहुत गंभीर समस्या है। इस पर जीएसटी काउंसिल में शीघ्र विचार होना चाहिए। एसआइबी जांच का विरोध करते हुए इसे व्यापारियों को हतोत्साहित करने वाला प्रयास बताया गया। कहा कि इससे व्यापारियों की निष्ठा और ईमानदारी पर संदेह पैदा होगा। इस आदेश को सरकार से तत्काल वापस लेने की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष सुशील खरबंदा, महामंत्री शिवशंकर सिंह, जिला उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष मो. कादिर, आशीष अरोरा, रितेश ङ्क्षसह, शशांक जैन, डा. सुभाष यादव आदि शामिल रहे।   


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