Top Prayagraj News of the day, 17 July 2020 : Coronavirus Prayagraj (Allahabad) News :एसआरएन अस्पताल में इलाज के दौरान संक्रमित बुजुर्ग की मौत
कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की मौत। हाेलागढ में सामूहिक हत्याकांड में पुलिस ने पांच अभियुक्तों को दबोचा। क्रांतिकारी मौलवी लियाकत अली व्यूह रचना में माहिर थे।
प्रयागराज,जेएनएन। स्वरूपरानी नेहरू कोविड अस्पताल में शुक्रवार को एक और कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई। मरीज की उम्र 68 वर्ष थी। वहीं, जिले के होलागढ़ थानाक्षेत्र में हुए सामूहिक हत्याकांड की सनसनीखेज वारदात का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस के मुताबिक वारदात को घुमंतू गिरोह छेमार गैंग ने अंजाम दिया है। जबकि, सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान संगमनगरी (पूर्ववर्ती इलाहाबाद) में क्रांति की मशाल महगांव (कौशांबी) निवासी मौलवी लियाकत अली ने बखूबी संभाली थी।
Coronavirus Prayagraj (Allahabad) News :एसआरएन अस्पताल में इलाज के दौरान संक्रमित बुजुर्ग की मौत
स्वरूपरानी नेहरू कोविड अस्पताल में शुक्रवार को एक और कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई। मरीज की उम्र 68 वर्ष थी। वह राजरूपपुर के रहने वाले थे। बुधवार को उनकी रिपोर्ट काेरोना पॉजिटिव आई थी तो उन्हें स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी। एसआरएन अस्पताल के नोडल डॉ. सुजीत वर्मा ने बताया की वह डायबिटिज के भी मरीज थे। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनकी हालत और गंभीर हो गई थी। हालत नाजुक देख वेंटीलेटर पर रखा गया था। शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे उनकी मौत हो गई। कोविड प्रोटोकाल के तहत उनका अंतिम संस्कार कराया गया। जनपद में अब तक 30 कोराेना संक्रमित की मौत हो चुकी है।
Mass Murder in Prayagraj : जिले के होलागढ़ में हुए सामूहिक हत्याकांड का पर्दाफाश, छेमार गैंग के चार अभियुक्त गिरफतार
जिले के होलागढ़ थानाक्षेत्र में हुए सामूहिक हत्याकांड की सनसनीखेज वारदात का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस के मुताबिक वारदात को घुमंतू गिरोह छेमार गैंग ने अंजाम दिया है। इस मामले में पांच अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफतार कर मामले का पर्दाफाश किया है।पकडे गए अभियुक्तों के कब्जे से पुलिस ने चापड, कुल्हाडी, चाकू, मोबाइल का सिम और लूटी गई नकदी बरामद की है।
अंग्रेजों से लोहा लेने वाले क्रांतिकारी मौलवी लियाकत अली व्यूह रचना में माहिर थे
सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान संगमनगरी (पूर्ववर्ती इलाहाबाद) में क्रांति की मशाल महगांव (कौशांबी) निवासी मौलवी लियाकत अली ने बखूबी संभाली थी। आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर ने उन्हें ही यह जिम्मेदारी सौंपी थी। इसकी बड़ी वजह यह थी कि लियाकत अली व्यूह रचना के माहिर खिलाड़ी थे। खुसरोबाग से उन्होंने अंग्रेजों के समानांतर सरकार चलाई।