दवा, संयम, मजबूत इच्छा शक्ति और स्वाद के बिना भोजन कर मंडी सचिव ने दी कोरोना को मात
मंडी सचिव को 18 अप्रैल से ही शरीर में कोरोना के लक्षण दिखाई देने लगे थे। तेज बुखार के साथ स्वाद भी चला गया था। इसलिए उन्होंने 22 को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के पहले ही चौफटका स्थित आवास पर होम आइसोलेट होकर इलाज शुरू कर दिया।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से निजात पाने के लिए इलाज, देसी नुस्खे, नियम, संयम से रहने के साथ मजबूत इच्छाशक्ति बेहद जरूरी है। लेकिन, वायरस लोड को कम करना भी अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए मरीज द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले रुमाल और तौलिया की दो-तीन घंटे में डिटॉल से धुलाई करना चाहिए। बेडसीट और ओढऩे वाले चादर को भी नियमित रूप से धुलना चाहिए। इन सब चीजों का अमल करते हुए मंडी परिषद की सचिव रेनू वर्मा अपनी छोटी बहन शालिनी के साथ कोरोना को मात देने में सफल हुईं। अब वह दूसरों को कोरोना पर जीत के नुस्खे बताती हैं।
तेज बुखार होने के बावजूद खाने को दवा की तरह खाया
मंडी सचिव को 18 अप्रैल से ही शरीर में कोरोना के लक्षण दिखाई देने लगे थे। तेज बुखार के साथ स्वाद भी चला गया था। इसलिए उन्होंने 22 को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के पहले ही चौफटका स्थित आवास पर होम आइसोलेट होते हुए डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लेना, काढ़ा पीना, भाप लेना, योग और प्राणायाम करना शुरू कर दिया। उनकी तीमारदारी में छोटी बहन भी संक्रमित हो गईं। वह बताती हैं कि सांस को बढ़ाने के लिए नियमित अभ्यास और अनुलोम-विलोम किया। आक्सीजन लेवल कम नहीं होने दिया। स्वाद बिलकुल न आने और तेज बुखार होने के बावजूद खाने को दवा की तरह खाया। इस बीमारी में पौष्टिक खाना बहुत जरूरी है। वह कहती हैं कि इलाज और इन एहतियातों के साथ ही वायरस लोड कम करने का प्रयास करना चाहिए। मरीज द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली हर चीज को नियमित रूप से धुलना चाहिए। घर के पर्दे आदि भी निकाल देने चाहिए, जिससे मरीज उसे छू न सके। इच्छाशक्ति और ईश्वर में आस्था बनाए रखना भी बहुत जरूरी है। 15 मई को रिपोर्ट निगेटिव आई।