चार दिन बाद भी शराब माफिया का नहीं लगा सुराग, तलाश में लगी हैं प्रतापगढ़ पुलिस की तीन टीमें
सीओ लालगंज जगमोहन का कहना है कि पुलिस की तीन टीमें बनाकर शराब माफिया पवन सिंह व अन्य आरोपितो की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। शीघ्र ही सभी आरोपितों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में उदयपुर थाना क्षेत्र के कटारिया गांव में चुनावी दावत में परोसी गई शराब नौ लोगों को मौत अपनी आगोश में ले चुकी है। वहीं चार दिन बाद भी शराब माफिया का सुराग पुलिस नहीं लगा सकी है। पुलिस की तीन टीमें माफिया सहित कई अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर संभावित ठिकानों पर दबिश देने का दावा जरूर कर रही है। वहीं जहरीली शराब पीने से जिला अस्पताल व सांगीपुर सीएचसी में इलाज करा रहे आठ लोगों को चिकित्सकों ने डिस्चार्ज कर दिया है। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है, लेकिन सभी लोगों को आंख की रोशनी कम होने की शिकायत बनी हुई है। सीओ लालगंज जगमोहन का कहना है कि पुलिस की तीन टीमें बनाकर शराब माफिया पवन सिंह व अन्य आरोपितो की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। शीघ्र ही सभी आरोपितों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
जहरीली शराब पीने से हुई थी नौ लोगों की मौत
उदयपुर थाना क्षेत्र के कटरिया गांव में प्रधान का चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे डब्बू सिंह के घर मंगलवार की रात दावत में परोसी गई शराब पीने से कटरिया गांव के राम खेलावन कोरी के बेटे दिलीप कोरी व प्रदीप कोरी, उसके मामा सिद्धनाथ निवासी राकी और कटारिया गांव के रामपाल सरोज, राम मिलन कोरी, कटरिया में नाना शिवराम के घर रह रहे दीपक कोरी, आहर बीहर निवासी राज कुमार प्रजापति, किशन सरोज व अमेठी जिले के तुला का पुरवा (कोहरा) धर्मराज पुत्र हरिबख्श की मौत हो चुकी है। घटना को लेकर कटरिया गांव के मृतक राम मिलन कोरी के भतीजे शुभम कोरी पुत्र राकेश कोरी की तहरीर पर पुलिस डब्बू सिंह, पवन सिंह समेत सात नामजद व छह अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी है। पुलिस पांच आरोपित को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। लेकिन आहर बीहर गांव निवासी बड़े पैमाने पर शराब का अवैध कारोबार करने वाले पवन सिंह व अन्य आरोपितों का सुराग तक नहीं लगा सकी है।
उधर जिला अस्पताल में भर्ती कटरियां गांव के श्रीराम, रवींद्र कुमार, दयाराम, मोतीलाल, राकेश, अशोक कुमार व ओमप्रकाश और सांगीपुर सीएचसी में भर्ती शिवचरन को शनिवार को चिकित्सकों ने डिस्चार्ज कर दिया। सभी की हालत ठीक बताई जा रही है, लेकिन इन लोगों की आंख की रोशनी कम होने की शिकायत बनीं हुई है।
कुटीर उद्योग बन गया कच्ची शराब का कारोबार
क्षेत्र में अवैध शराब का धंधा कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है। शायद ही ऐसा कोई गांव है जहां कच्ची शराब बनाने का काम न चल रहा हो। पुलिस और आबकारी विभाग इस धंधे को रोकने में पूर्णतया असफल साबित हो रहा है। लालगंज विकास क्षेत्र में अवैध शराब बनाने और बेचने का धंधा जोरों पर चल रहा है। गांव-गांव में शराब बनाकर बेची जा रही है। इलाके के रायपुर तिआई, जगन्नाथपुर, गौखाडी, पडऱी, बेलहा, बरेडीह, मेढवा, असैनापुर, सरैया, अगई, कैथौला, सोहागपुर, नयापुरवा, जेवई आदि गांवों में शाम ढलते शराबियों की लाइन लग जाती है। बीट के दरोगा, सिपाही से लेकर चौकीदार तक को सब जानकारी है। लेकिन सभी रहस्यमय चुप्पी साधे रहते हैं। उदयपुर क्षेत्र में कई मौतों के बाद भी जिम्मेदार नहीं चेत रहें हैं ।