Move to Jagran APP

किसान भाई ध्‍यान दें, गेहूं की फसल के लिए यह मौसम बेहतर है, कोहरे से आलू की फसल को ऐसे बचाएं

कोहरा और बादल के कारण आलू की फसल में झुलसा रोग लगने का खतरा तेजी से बढ़ गया है। इससे बचने के लिए किसान खेतों में दवा का छिड़काव करें। सर्दी का यह मौसम में गेहूं की फसल के लिए बेहतर है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 03 Jan 2022 04:15 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jan 2022 04:15 PM (IST)
किसान भाई ध्‍यान दें, गेहूं की फसल के लिए यह मौसम बेहतर है, कोहरे से आलू की फसल को ऐसे बचाएं
यह मौसम गेहूं की फसल के लिए उत्‍तम है। हालांकि आलू, मटर और सरसों की फसल को बचाना भी होगा।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इन दिनों मौसम बदला है। सर्दी का मौसम गेहूं की फसल के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। माना जाता है कि जितनी अधिक सर्दी पड़ेगी गेहूं की फसल उतनी तेजी से विकास करती है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि जितनी अधिक सर्दी पड़ती है। उतना ही अधिक गेहूं की फसल में प्रगति होती है। वहीं वातावरण में कभी बादल तो कभी कोहरा छा रहा है। ऐसा मौसम आलू, मटर, सरसों की फसलों के लिए नुकसानदायक है। इसे बचाने के लिए किसानों को ध्‍यान देना होगा।

loksabha election banner

कोहरा के कारण आलू की फसल पर झुलसा रोग का खतरा

कोहरा और बादल के कारण आलू की फसल में झुलसा रोग लगने का खतरा तेजी से बढ़ गया है। पिछले कई दिनों से कोहरा घना होने से किसान परेशान हैं। झुलसा रोग के प्रकोप से आलू की फसल को बचाने के लिए किसान खेत के चारों तरफ आग जलाकर धुंआ कर रहे हैं। हालाकि सोमवार को सुबह से मौसम साफ रहने से किसानों को राहत मिली आलू में किसानों ने तेजी से दबा का छिड़काव किया।

कोहरे से आलू के पेड़ सूखने लगेंगे

किसानों का कहना है कि अगर तीन-चार दिन लगातार कोहरा पड़ता रहेगा तो आलू के पेड़ सूखने लगेंगे। आलू के अलावा सरसों और मटर की फसल पर भी इस मौसम का दुष्प्रभाव पड़ रहा है।

आलू की फसल बचाने के लिए दवा का छिड़काव जरूरी

प्रयागराज जिले में लगभग 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पांच हजार से अधिक किसानों ने आलू की खेती की है। गंगापार में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की गई है। आलू की खेती करने वाले गोहरी के किसान राम सुफल पटेल, मलाका के किसान हीरालाल मौर्या और रतन लाल यादव ने बताया कि फसल पर झुलसा रोग को बचाने के लिए दवाओं के छिड़काव के साथ खेत के चारों तरफ अलाव जलाया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.