ये रोबोट चलता है और बात भी करता है, ट्रिपल आइटी के छात्रों ने किया आविष्कार Prayagraj News
ट्रिपलआइटी में तैयार किए गए रोबोट की बात भी अनूठी है। यह आपका अकेलापन दूर करने के साथ हर निर्देश का बखूबी पालन भी करेगा।
प्रयागराज, जेएनएन। भारतीय अंतरिक्ष संगठन इसरो जहां अपने पहले मानवरहित गगनयान में 'लेडी रोबोट' व्योममित्र को अगले साल दिसंबर में भेजने की तैयारी में है, वहीं भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आइटी) ने बैठने, चलने और बात करने वाला रोबोट तैयार किया गया है। यह आपके साथ ठुमके भी लगाएगा। इसे जन जन तक पहुंचाने के लिए बाजार में उतारने की भी तैयारी है।
इस रोबोट को आम इंसान की तरह बनाने में जुटे
वास्तविक जीवन में रोबोट अभी उतने विकसित नहीं हुए हैं, हालांकि टेक्नोलॉजी इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है। रजनीकांत की सुपरहिट फिल्म 'रोबोट' या विज्ञान के क्षेत्र में तमाम रोबोट वे सभी काम करने लगते हैं, जो इंसान करते हैं। 'रोबोट' फिल्म का रोबोट तो नायिका से प्रेम भी करता है। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआइटी) में तैयार किए गए रोबोट की बात भी अनूठी है। यह आपका अकेलापन दूर करने के साथ हर निर्देश का बखूबी पालन भी करेगा। इसे ट्रिपल आइटी के सेंटर ऑफ इंटलीजेंट रोबोटिक्स के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जीसी नंदी के निर्देशन में सात छात्र-छात्राओं ने मिलकर तैयार किया है।
बुजुर्गों की देखभाल को रोबोट तैयार किया गया है : प्रो. नंदी
प्रो. नंदी ने बताया कि अब वह इस रोबोट को आम इंसान की तरह बनाने में जुटे हैं। इस रोबोट को विभाग के सात विद्यार्थी गौरव यादव, प्रिया शुक्ला, श्रुति जायसवाल, पद्माकर पांडेय, आदित्य सिंह, वंदना कुशवाहा और वेंकट वेरी ने मिलकर तैयार किया है। विभाग के शिक्षक डॉ. राहुल काला छात्रों का मार्गदर्शन करते रहते हैं। प्रो. नंदी बताते हैं कि अब कामकाज करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं और न तो घरों में काम करने के लिए लोग। ऐसे में घर के बुजुर्गों की देखभाल के लिए यह रोबोट तैयार किया गया है। इसे संस्थान के प्रयोगशाला में अभी कई अन्य तकनीक से लैश किया जा रहा है। वह बताते हैं कि अभी रोबोट की पकड़ मजबूत नहीं है। ऐसे में किस सामान को किस तरह पकडऩा है, यह सिखाया जा रहा है। संस्थान में इसका ट्रायल किया जा चुका है।
बाजार में भी रोबोट को उतारने की तैयारी
प्रोफेसर नंदी ने दावा किया कि वह भविष्य में इस तरह के रोबोट को बाजार में भी उतारेंगे। सफल परीक्षण के बाद कम लागत में रोबोट तैयार किया जाएगा। उसे बाजार में ऐसे दाम में उतारा जाएगा कि मध्यमवर्गीय परिवार भी खरीद सकें। कीमत बाद में तय की जाएगी। इसके लिए विभाग के छात्रों को टेक्नोलॉजिकल लीडर के रूप में तैयार कर रहे हैं, जिससे राष्ट्र का भी विकास हो सके।