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यह है मालिक का वफादार शेरू, रात-दिन चौकीदार की तरह करता है डेढ़ सौ भेड़ों की रखवाली

इसका नाम शेरू है। वह शेर की तरह झपट्टा भी मारता है लेकिन केवल उस पर जो उससे मालिक की पालतू भेड़ों के करीब जाने की कोशिश करता है। उम्रदराज होने के बाद भी शेरू पूरी वफादारी और सावधानी के साथ मालिक के बेड़े में भेड़ों को महफूज रखता है

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 07:20 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 07:44 AM (IST)
यह है मालिक का वफादार शेरू, रात-दिन चौकीदार की तरह करता है डेढ़ सौ भेड़ों की रखवाली
शेरू पिछले 13 साल से रामसजीवन की भेड़ों की पूरी जिम्मेदारी के साथ रखवाली कर रहा है।

प्रयागराज, जेएनएन। इस तस्वीर में जिस सामान्य से श्वान को देख रहे हैं असल में वह इतना सामान्य भी नहीं है। इसका नाम शेरू है और वह शेर की तरह झपट्टा भी मारता है, लेकिन हर किसी पर नहीं, केवल उस पर जो उससे मालिक की पालतू भेड़ों के करीब जाने की कोशिश करता है। उम्रदराज होने के बाद भी शेरू पूरी वफादारी और सावधानी के साथ मालिक के बेड़े में भेड़ों को महफूज रखता है। शेरू को आसपास के गांव के लोग भी जानते हैं क्योंकि वे भी भेड़ों के पास से गुजरने पर उसके गुस्से को देख चुके हैं।

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शेरू के रहते कोई पास भी नहीं आता भेड़ों के

सोरांव तहसील में अलीपुर गांव के निवासी रामसजीवन के बाड़े में मौजूदा समय में 150 भेड़ हैं। मौसम सही रहता है तो वे इन भेड़ों को चरने के लिए खोलते हैं। भेड़ों जंगली जानवर जैसे भेड़िए शिकार बनाते रहते हैं। कुत्ते भी खींचते हैं। इसके अलावा ऐसे भी लोग हैं जो भेड़ों को चुरा ले जाते हैं। मगर इन भेड़ों का रक्षक शेरू है जो ऐसे किसी भी खतरे को फटकने भी नहीं देता है। शेरू पिछले 13 साल से रामसजीवन की भेड़ों की पूरी जिम्मेदारी के साथ रखवाली कर रहा है। कोई श्वान या फिर इंसान इन भेड़ों को करीब भी नहीं फटक सकता है। लोग जानते हैं कि अगर वे भेड़ों के आसपास भी गए तो शेरू उनके लिए आफत बनकर टूट पड़ेगा। कई लोग शेरू के हमले को झेल भी चुके हैं।

परिवार सोता है औऱ शेरू जागकर करता है निगरानी

राम सजीवन पाल बताते हैं कि हम लोग रात में भेड़ों के पास नहीं रहते हैं। लेकिन शेरू खुले आसमान के नीचे सर्दी, गर्मी और बरसात में निगरानी करता रहता है। जहां पर भेड़ रहती हैं और चरने जाती हैं शेरू साये की उनके साथ ही रहता है। भेड़ जब बेड़ा में आ जाती हैं तो शेरू रात में चार से पांच बार राउंड भी लगाता है। जंगली जानवरों के आने की आशंका पर वह मालिक को भी बुलाने पहुंच जाता है। अनजान व्यक्ति अगर भेड़ों के आसपास दिखता है तो वह कुछ देर भौंकता है। तब भी व्यक्ति हटा नहीं धावा बोल देता है।

15 वर्षा है शेरू की उम्र

शेरू की उम्र लगभग 15 वर्ष की है। तीन महीने का था तभी राम संजीवन ने उसे पाल लिया था। राम सजीवन बताते हैं कि जैसे-जैसे शेरू की उम्र बढ़ी भेड़ों के सुरक्षा की चिंता कम होती गई। यह भी हमारे परिवार के सदस्य की तरह है। भेड़ों की किस तरह से निगरानी करनी है, इसके लिए प्रशिक्षित भी किया गया है। यह अपने बेड़े की एक-एक भेड़ को पहचानता भी है।


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