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ये हैं प्रयागराज के एक ही परिवार के Corona Fighters, इन्‍होंने समय से इलाज व आत्मविश्वास से कोविड-19 को हराया

परिवार के सभी सदस्‍य कोरोना संक्रमित हो गए लेकिन वह हिम्मत से डटे रहे। डॉक्टर की बताई सलाह व टिप्‍स का पालन भी सभी करते रहे। खास बात यह कि श्‍याम शंकर की पत्नी पहले से हार्ट और सुगर की मरीज थीं। श्याम शंकर भी कैंसर से पीडि़त रहे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 10:04 AM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 10:04 AM (IST)
ये हैं प्रयागराज के एक ही परिवार के Corona Fighters, इन्‍होंने समय से इलाज व आत्मविश्वास से कोविड-19 को हराया
यही वह परिवार है जो कोरोना संक्रमित था। आत्‍मविश्‍वास व डॉक्‍टर के टिप्‍स की बदौलत अब स्‍वस्‍थ है।

प्रयागराज, जेएनएन। हल्का बुखार आया तब कोरोना का एहसास हुआ। तुरंत सचेत हो गए और दवा शुरू कर दी। डॉक्टर को भी दिखाया। बिना समय गंवाए जांच भी करा ली। जिसकी उम्मीद थी वही हुआ, रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई लेकिन घबराए नहीं। हिम्मत के साथ भाप, पानी, काढ़ा, नीबू का प्रयोग, योग आदि शुरू कर दिया। और फिर कोरोना को हरा दिया। यह कहना है प्रयागराज में नैनी निवासी श्याम शंकर लोहिया का।

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परिवार के सदस्‍य डॉक्‍टर की सलाह का पालन करते रहे

श्‍याम शंकर लोहिया ने अपने साथ परिवार के अन्य लोगों की भी जांच करा ली थी। हालांकि उस समय सभी लोग स्वस्थ दिख रहे थे फिर भी सब की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। एक दो दिन में सब में कुछ न कुछ समस्या भी शुरू हो गई। हालांकि परिवार के सभी सदस्‍य हिम्मत से डटे रहे। डॉक्टर की बताई सलाह व टिप्‍स का पालन भी सभी करते रहे। खास बात यह कि श्‍याम शंकर की पत्नी पहले से हार्ट और सुगर की मरीज थीं। श्याम शंकर भी कैंसर से पीडि़त रहे।

85 वर्षीय मां ने भी हिम्‍मत नहीं हारी

उन्‍होंने बताया कि घर में 85 वर्षीय मां गायत्री देवी के फेफड़े में इंफेक्शन गंभीर रूप से फैल गया। उनका ऑक्सीजन स्तर भी लगातार नीचे जाने लगा। हम सभी डॉक्टर की निगरानी में बने रहे। हालांकि अस्पताल नहीं गए और घर में ही आइसोलेट रहे। अपने आत्मबल और समय से इलाज शुरू करनी की वजह से ही परिवार के प्रत्येक व्यक्ति की स्थिति में भी सुधार होने लगा। हम सब 85 वर्षीय मां को लेकर अधिक चिंतित थे लेकिन वह भी हिम्मत नहीं हारीं। उन्होंने हम सब को अपना ध्यान रखने की हिदायत दी कहा। मुझे कुछ नहीं होगा। सभी लोग अपना अपना ख्याल रखें। ईश्वर का नाम लो और खूब काढ़ा पीयो। डॉक्टर की दवा भी लेते रहो। कोरोना अपने आप भाग जाएगा। उनके विश्वास के चलते पूरा परिवार जल्द स्वस्थ हो गया। हम सब की रिपोर्ट करीब दस दिन बाद निगेटिव आ गई।


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