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इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति हांगलू का इस्तीफा : महासंघ बनाने से पहले जुदा हुईं AUTA और AUCCTA की राहें Prayagraj News

इविवि के कुलपति हांगलू के इस्तीफे के विरोध व समर्थन को लेकर दोनों संगठनों में मतभेद है। हालांकि 30 दिसंबर को दोनों संगठनों ने महासंघ बनाने का बनाने की तैयारी की थी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 11:01 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 11:01 AM (IST)
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति हांगलू का इस्तीफा : महासंघ बनाने से पहले जुदा हुईं AUTA और AUCCTA की राहें Prayagraj News
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति हांगलू का इस्तीफा : महासंघ बनाने से पहले जुदा हुईं AUTA और AUCCTA की राहें Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के कुलपति पद से प्रोफेसर रतन लाल हांगलू के इस्तीफे के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (आटा) और इविवि संघटक महाविद्यालय संघ (ऑक्टा) की राहें भी जुदा हो गईं। हालांकि अभी पिछले सोमवार को दोनों संघों ने बैठक कर निर्णय लिया था कि अब वह मिलकर महासंघ बनाएंगे।

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आटा और ऑक्टा की मिलकर महासंघ बनाने की थी तैयारी

दरअसल, आटा और ऑक्टा की 30 दिसंबर को बैठक हुई थी। इसमें दोनों शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने निर्णय लिया था कि वह मिलकर महासंघ बनाएंगे। यह प्रस्ताव रखा गया था कि दोनों संघों के अध्यक्ष और महासचिव इस पर अपनी कार्यकारिणी और आम सभा में विचार-विमर्श करेंगे। शिक्षकों के साथ विमर्श करके इस पर अंतिम मुहर लगाएंगे। इसके बाद शिक्षकों की समिति बनाई जाएगी। वह महासंघ के संविधान का प्रारूप तैयार करेगी और इस संदर्भ में दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के संविधान की भी मदद ली जाएगी।

ऑक्टा की कुलपति को वापस पद दिलाने की मांग पर आटा दूर रहा

इसी बीच एक जनवरी को प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने कुलपति पद से इस्तीफा दे दिया। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस्तीफा मंजूर भी कर लिया। इसके बाद कुलपति को वापस पद दिलाने की मांग पर ऑक्टा ने आम सभा की। इसके लिए आटा को भी न्योता दिया, लेकिन आटा इन सबसे दूर राहा। ऑक्टा ने यह भी ऐलान किया कि वह कार्य बहिष्कार करेगा। हालांकि, आटा अध्यक्ष प्रोफेसर राम सेवक दुबे ने कार्य बहिष्कार के फैसले को सिरे से खारिज कर दिया। इधर राष्ट्रपति ने भी कुलपति का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। ऐसे में आटा और ऑक्टा की राह अलग हो गई है। अब इनके महासंघ बनाए जाने पर भी असमंजस की स्थिति बन गई है।

बोले आटा के अध्यक्ष

आटा अध्यक्ष प्रो. राम सेवक दुबे कहते हैं कि आटा छात्रहित को सर्वोपरि मानता है। छात्रों की पढ़ाई और उनकी परीक्षाओं में किसी तरह की बाधा न पहुंचे। इविवि परिसर का वर्तमान परिवेश आंदोलन को कहीं से भी अनुमति नहीं देता है। महासंघ का इससे कोई लेनादेना नहीं है।

ऑक्टा के महासचिव ने कहा

ऑक्टा के महासचिव डॉ. उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि कुलपति प्रो. हांगलू के जाने के बाद विश्वविद्यालय में अराजकता की स्थिति पैदा होने की संभावना है। छात्रहित और संस्थाहित में प्रो. हांगलू की बहाली होनी चाहिए। कार्य बहिष्कार पर शनिवार को ऑक्टा कार्यकारिणी की बैठक के बाद अगला निर्णय लिया जाएगा।


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