Triple Murder in Prayagraj : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने को मुंबई से लौटे थे तीनों भाई Prayagraj News
तीनों भाई कोरोना से बचने के लिए मुंबई सेे भागकर गांव आए थे लेकिन यहां मारे गए। पुलिस का कहना है कि इस विवाद में इधर हाल फिलहाल कोई शिकायत थाने में नहीं आई थी।
प्रयागराज,जेएनएन। कोरांव के निश्चिंतपुर गांव में दो पक्षों के बीच जमीन पर कब्जे के लिए बरसों से बना विवाद छह साल पहले ही खूनी हो गया था जब एक पक्ष के युवक की हत्या कर दी गई थी। आरोपी परिवार के तीन सगे भाइयों की हत्या से यह दुश्मनी अब और गाढ़ी हो चुकी है। यह तीनों भाई कोरोना से बचने के लिए मुंबई सेे भागकर गांव आए थे लेकिन यहां मारे गए। पुलिस का कहना है कि इस विवाद में इधर हाल फिलहाल कोई शिकायत थाने में नहीं आई थी। बुधवार को एकाएक झगड़ा हुआ और तीन लोग मारे गए जबकि इतने ही घायल हुए। फिर टकराव न हो इसलिए गांव में पुलिस बल मुस्तैद है।
वरासत में मिली है 114 बीघा जमीन
निश्चिंतपुर गांव में मारे गए तीन लोगों के बड़े भाई विंध्यवासिनी ने बताया कि उनके पिता को उनकी नानी से वरासत में 114 बीघा जमीन मिली थी। उनका विरोधी परिवार करीब 70 साल पहले इस गांव में आकर बस गया। उनसे न रिश्तेदारी न कोई पारिवारिक नाता है। 1972 में इस परिवार ने फर्जी ढंग से 52 बीघा जमीन हथिया ली। तब से विवाद बना है मगर प्रशासन ने निस्तारण नहीं कराया।
छह साल पहले हुई आरोपितों के पक्ष के एक युवक की हत्या
छह साल पहले विरोधी परिवार के मुलायम सिंह की जंगल में हत्या की वारदात में ब्रहमदीन और उनके सात में तीन पुत्रों लक्ष्मण सिंह, कुंवर बहादुर, अनिरुद्ध तथा दामाद जवाहर लाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। उन सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विंध्यवासिनी समेत चार भाई मुंबई में होनेे की वजह से मुकदमे से बच गए थे। आरोपित जमानत पर रिहा हुए थे लेकिन इसी साल जनवरी में फिर कोर्ट ने उन सभी को जेल भेज दिया। विंध्यवासिनी और मारे गए तीनों भाई करीब साल भर बाद आठ रोज पहले मुंबई से ऑटो रिक्शा में लौटे क्योंकि वहां कोरोना का खतरा बढ़ गया है। इन चारों ने फैसला किया कि खाली बैठे हैं तो धान की बोआई ही कर दें मगर यह तीन भाइयों के लिए जानलेवा साबित हो गया। इस घटना के बाद निश्चिंतपुर गांव में चीख-पुकार मची रही। मृतकों के परिवार में देर रात तक विलाप गूंजता रहा। पीडि़त परिवार की महिलाएं चीखती रहीं तो बच्चे रोते-बिलखते रहे। एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद कोरांव थाने पहुंचे और विवाद में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी लेते रहे।
पेट भरना भी होगा मुश्किल
इस घटना से मारे गए तीन सगे भाइयों के ही परिवार नहीं बल्कि जेल में बंद तीन भाइयों के भी परिवार बेसहारा हो गए हैं। तीन भाई मारे गए और तीन जेल में हैं। सबसे बड़ा भाई विंध्यवासिनी भी मुंबई में ऑटो रिक्शा चलाकर गुजारा कर रहा था। कोरोना संकट से वह भी तंगी झेल रहा है। ऐसे में परिवार का गुजारा अब कैसे होगा, यह बड़ा सवाल है। मारे गए भाइयों में इंद्रबहादुर की पत्नी रजवंती देवी, पांच बेटियां, दो पुत्र, रवींद्र बहादुर की पत्नी गुलाब कली, तीन बेटियां, दो पुत्र, रामजी की पत्नी सुनीता देवी, दो बेटे और दो बेटियों के सामने तो कोरोना संकट में भारी मुसीबत टूट पड़ी है। खेतों पर भी विरोधियों ने कब्जा कर लिया है। ऐसे में अब उनके सामने पेट भरने की समस्या रहेगी, पढ़ाई और बेटियों का ब्याह तो दूर की बात।
घर में छिपकर बचे
खेत में तीन भाइयों को मारने के बाद हमलावर उनके घरों की तरफ टूट पड़े थे। बड़े भाई विंध्यवासिनी ने बताया कि शिवनारायण सिंह यादव के परिवार के राम सिंह, रविशंकर, ज्ञान सिंह यादव समेत एक दर्जन लोग लाठी-डंडे लेकर घर की तरफ पहुंचे तो परिवार के लोगों ने दरवाजा बंद कर लिया। बाहर मिली सुनीता, रागिनी, जय सिंह पर हमला कर दिया गया।
तिहरे हत्याकांड के पीछे दशकों पुराना जमीन का विवाद
आइजी रेंज केपी सिंह ने कहा कि इस दुखद घटना के पीछे जमीन का दशकों से बना विवाद है। हमलावरों के खिलाफ नामजद मुकदमा लिखकर 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपितों पर गैंगस्टर तथा रासुका भी लगाया जाएगा। बंदूक जब्त कर लाइसेंस निरस्त करने की रिपोर्ट भेजी जाएगी। शांति व्यवस्था के लिए पुलिस बल तैनात है।