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Ayodhya Shriram Mandir : कड़ाधाम की माटी और कुंड का जल लेकर गए अयोध्या

रविवार को मिट्टी व जलहरी का पवित्र जल लेकर तीर्थ क्षेत्र के पुरोहित शिवबाबू महाराज सुरेंद्र पंडा व मोनू पुरोहित अयोध्या के लिए रवाना हुए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 08:25 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 08:25 PM (IST)
Ayodhya Shriram Mandir : कड़ाधाम की माटी और कुंड का जल लेकर गए अयोध्या
Ayodhya Shriram Mandir : कड़ाधाम की माटी और कुंड का जल लेकर गए अयोध्या

प्रयागराज, जेएनएन। पांच अगस्त को अयोध्या में श्रीराममंदिर के भूमिपूजन के लिए 51 वीं शक्तिपीठ के रूप में ख्यात मां शीतलाधाम कड़ा की माटी और मंदिर परिसर में बने कुंड के जल का भी प्रयोग होगा। रविवार को एक कलश में मिट्टी और दूसरे में पवित्र जल लेकर पुरोहितों का एक जत्था अयोध्या गया। दोनों कलश रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय को सौंपे जाएंगे। नींव में देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों का जल व माटी का प्रयोग होगा।

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पुरोहित मिट्टी व जलहरी का पवित्र जल लेकर अयोध्‍या रवाना

रविवार को मिट्टी व जलहरी का पवित्र जल लेकर तीर्थ क्षेत्र के पुरोहित शिवबाबू महाराज, सुरेंद्र पंडा व मोनू पुरोहित अयोध्या के लिए रवाना हुए। पंडा समाज के अध्यक्ष शारदा प्रसाद पंडा ने बताया कि शीतला धाम से लोगों की आस्था जुड़ी है। यहां देश विदेश से प्रति वर्ष लाखों की संख्या में लोग आते हैं। राममंदिर की नींव में इस धाम का अंश पहुंचाना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। इस मौके पर राधेश्याम पंडा, जगत प्रसाद पंडा, रामायणी प्रसाद, ऊदल, अनिल प्रकाश पंडा, कुन्ना पंडा, कड़ेकांत, रजत पंडा आदि लोग मौजूद रहे।

भावुक हो गए जगत प्रसाद

राममंदिर आंदोलन से जुड़े रहे जगत प्रसाद इस पल पर भावुक हो गए। वह कारसेवक के रूप में अयोध्या पहुंचे थे। करीब 170 किमी का सफर उन्होंने पैदल साथियों के साथ किया था। कहा कि कई स्थानों पर पुलिस की लाठियां भी मिली, लेकिन हौसला नहीं टूटा। आज मंदिर निर्माण को लेकर पूरा देश एकजुट है। यह उनके जैसे लाखों लोगों के संघर्ष का फल है।


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