कौशांबी : 30 लाख मिलने के बाद भी मूरतगंज बाजार तालाब का सुंदरीकरण अधर में
देखरेख के अभाव में ऐतिहासिक तालाब दुर्दशा का शिकार हो गया था। स्थानीय लोगों की मांग शासन ने तालाब के सुंदरीकरण के लिए शासन ने अनुमति दी। तालाब का सुंदरीकरण नगर पालिका से 30 लाख रुपये से शुरू कराया गया था।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के कौशांबी जिले के मूरतगंज बाजार में डेढ़ सौ साल पहले बनाए गए पक्के तालाब के सुंदरीकरण के लिए शासन अनुमति दी थी। नगर पालिका परिषद प्रशासन को 30 लाख खर्च रुपये दिया गया। नगर पालिका परिषद की ओर से तालाब के सुंदरीकरण का कार्य शुरू कराया गया था, लेकिन तैयार की गई कार्ययोजना के मुताबिक कार्य अब तक नहीं हुआ। एक वर्ष से कार्य बंद है।
मूरतगंत के सेठ चमरू दास ने वर्ष 1853 में दो बीघे भूमि पर पक्का तालाब का निर्माण कराए थे। तालाब के चारों तरफ सीढ़ी व बाउंड्रीवाल भी बनाया गया था। इस तालाब में भूल भुलैया भी था। कभी एक तालाब क्षेत्रीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र था। पहले तालाब में बारह माह तक पानी भरा रहता था। तालाब का पानी का काफी स्वच्छ रहता है। इसी तालाब में एक कुंड अलग से बनाया गया था। जहां सेठ चमरू दास के परिवार के सदस्य तालाब के पानी से स्नान करते हैं। देखरेख के अभाव में ऐतिहासिक तालाब दुर्दशा का शिकार हो गया था। स्थानीय लोगों की मांग शासन ने तालाब के सुंदरीकरण के लिए शासन ने अनुमति दी। तालाब का सुंदरीकरण नगर पालिका से 30 लाख रुपये से शुरू कराया गया था। दिसंबर 2018 में सुंदरीकरण का नगर नगर पंचायत प्रशासन की ओर से शुरू कराया गया था। सुंदरीकरण में तालाब के चारों आरसीसी फर्स बनाकर टाइल्स, पानी भरने के लिए तालाब में सबमर्सिबल पंप भी लगाना था।
तालाब के किनारे फूल व पौधे भी लगाना था, लेकिन अब तक तालाब के सुंदरीकरण कर कार्य पूरा नहीं हो सका। मूरतगंज के कमलेश, लवकुश, पवन कुमार आदि का कहना है कि तालाब के चारों आरसीसी फर्स बनाकर टाइल्स नहीं लगाया गया और न ही तालाब के किनारे फूल व पौधे लगाए गए हैं। तालाब का सुंदरीकरण न होने से लोगों में नाराजगी है। इस संबंध में अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार का कहना है कि तालाब के सुंदरीकरण का कार्य अब तक क्यों नहीं पूरा हुआ। इसकी जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।