प्रयागराज में कादीपुर के लोगों को आज तक नसीब नहीं हो सकी सड़क
जनपद स्तर पर समूह द्वारा बनाए गए चप्पलों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। उस वक्त अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों ने गांव के विकास के वादे किए थे। आज भी कादीपुर गांव मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क मार्ग नाली तथा पानी से बहुत दूर हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वर्ष पूर्व 29 दिसंबर 2019 को मन की बात में विकास खंड बहरिया के कादीपुर गांव की आत्मनिर्भर हो रहीं महिलाओं के कार्यों की सराहना की थी। यहां की महिलाएं स्वयं सहायता से जुड़कर चप्पल बना रही हैैं।
जब पीएम मोदी ने इस गांव की महिलाओं के कार्यों का बखान किया था तो उसी समय यह गांव सुर्खियों में आया तथा अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक ने समूह की महिलाओं को सम्मानित करते हुए गांव में विकास की गंगा बहाने की बात की थी। एक वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद आज तक कादीपुर गांव में पहुंचने के लिए पुराने टूटे फूटे खड़ंजे, जर्जर तारों से विद्युत आपूर्ति की जा रही है। पानी के लिए बिछाई गई नलकूप की पाइप शोपीस बनी हुई है।
प्रधानमंत्री ने एक वर्ष पहले कादीपुर स्वयं सहायता समूह की बनी चप्पलों की किया था तारीफ
प्रधानमंत्री ने एक वर्ष पहले विकास खंड बहरिया के कादीपुर गांव में संचालित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे चप्पलों की सराहना की थी। उस समय गांव से लेकर जनपद स्तर तक के लोग गदगद थे। प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया था। जनपद स्तर पर समूह द्वारा बनाए गए चप्पलों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। उस वक्त अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों ने गांव के विकास के वादे किए थे। आज भी कादीपुर गांव मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, मार्ग, नाली तथा पानी से बहुत दूर हैं। इस संबंध में प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष पल्लवी परमार एवं मंजू प्रजापति ने बताया कि जनप्रतिनिधियों सहित जनपद स्तर के अधिकारियों ने वादा किया था। सड़क, बिजली व पानी दुरुस्त करा दी जाएगी। जिससे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे चप्पलों के व्यवसाय को गति मिल जाएगी।
बजट के अभाव नहीं कराई गई इंटरलॉकिंग
समूह की महिलाओं का कहना है कि प्रधानमंत्री के मन की बात कादीपुर में पहुंची तो यहां के लोग गदगद हो गए थे लेकिन एक वर्ष बाद भी सड़क तथा बिजली की व्यवस्था दुरुस्त न होने से समूह की महिलाओं सहित यहां की जनता भी विकास को लेकर मायूस है। बिजली की आपूर्ति जर्जर तारों के कारण अक्सर बाधित होती रहती है। वहीं घर-घर नल से जल की आपूि के लिए जल निगम द्वारा बनाई गई पानी की टंकी तथा बिछाई गई पाइप लाइन से जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। इस संबंध में ग्राम प्रधान केशव प्रसाद ने बताया कि बजट के आभाव में इंटरलॉकिंग नहीं कराई जा सकी। कई बार मार्ग को लेकर अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक अवगत कराया गया, फिर भी समस्या का निदान नहीं हो सका। जलापूर्ति के लिए जलनिगम के उच्चाधिकारियों से कहा गया तो उन लोगों ने कहा कि पास के सोपरावारी गांव में पाइप लाइन बिछ जाने के बाद ही आपूर्ति संभव है। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी दिव्या सिंह का कहना है कि बजट के अभाव में इंटरलॉकिंग नहीं कराया जा सका। जल्द ही क्षेत्र पंचायत निधि से इंटरलॉकिंग व नाली बनवाई जाएगी।