Oxygen Crisis: स्पेयर पार्ट्स न मिलने से नहीं ठीक हो सका प्रतापगढ़ में जिला अस्पताल का आक्सीजन प्लांट
जिला अस्पताल का खराब हुआ ऑक्सीजन प्लांट शनिवार को पूरे दिन की कवायद के बाद भी चालू नहीं हो सका। एक और स्पेयर पार्ट्स खराब निकलने पर उसकी व्यवस्था नहीं की जा सकी। इस कारण मरीजों की सांसो पर संकट बना हुआ है
प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ जिला अस्पताल का खराब हुआ ऑक्सीजन प्लांट शनिवार को पूरे दिन की कवायद के बाद भी चालू नहीं हो सका। एक और स्पेयर पार्ट्स खराब निकलने पर उसकी व्यवस्था नहीं की जा सकी। इस कारण मरीजों की सांसो पर संकट बना हुआ है। उनको वैकल्पिक इंतजाम करके ऑक्सीजन दी जा रही है।
वाराणसी से उपकरण मंगाने में जुटा स्वास्थ्य विभाग
जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट कई बार फेल हो चुका है। पहले तो इसकी कोई खास जरूरत नहीं पड़ती थी, लेकिन जब से करोना संकट पैदा हुआ तो इसकी उपयोगिता बढ़ गई है। साल भर में यह पहले भी तीन बार खराब हुआ है। एक बार फिर शुक्रवार की शाम को इसमें खराबी आ गई। इसका रेडिएटर अचानक काम करना बंद कर दिया। इस कारण मशीन हीट होने से बार-बार ट्रिप करने लगी। इस वजह से ऑक्सीजन की आपूर्ति इमरजेंसी, सर्जिकल और मेडिकल चिल्ड्रंन वार्ड में बंद हो गई। इससे अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन में खलबली मच गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. नितिन बंसल भी रात में ही अस्पताल पहुंच गए। आनन-फानन में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनों के माध्यम से वहां भर्ती मरीजों को प्राण वायु की वैकल्पिक व्यवस्था की गई। पूरी रात बीत गई।
टीम भेजी गई बनारस, गनीमत है कि नहीं हुई कोई अनहोनी
शनिवार को दोपहर 12 बजे इसे लगाने वाली लखनऊ की एजेंसी की टेक्निकल टीम यहां पहुंची। रेडिएटर को बदल दिया गया। इस दौरान एक और पार्ट खराब मिला उसकी व्यवस्था जिले स्तर पर नहीं हो सकी। इस कारण पूरे दिन मरम्मत के बावजूद शाम तक प्लांट को चालू नहीं किया जा सका। अब कर्मचारी स्पेयर पार्ट को लाने वाराणसी गए हैं। रविवार दोपहर तक पार्ट आने के बाद फिर से मरम्मत शुरू हो जाएगी। तब देर शाम तक इसके बन जाने की उम्मीद जताई जा रही है। इधर शासन ने ऑक्सीजन प्लांट में खराबी की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। माना जा रहा है कि संबंधित एजेंसी की लापरवाही पर कार्रवाई हो सकती है। अस्पताल में नए प्लांट की भी डिमांड की गई है। शायद शासन इस पर भी मुहर लगा दे। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पीपी पांडेय का कहना है कि जब तक प्लांट नहीं बन जा रहा है तब तक मरीजों को सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के माध्यम से ऑक्सीजन सुलभ कराई जा रही है। ऑक्सीजन की कमी से कोई कैजुअल्टी नहीं हुई है। समस्या को मैनेज किया जा रहा है।