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जर्जर भवनों को नोटिस जारी करने वाला नगर निगम अपनी इमारत की नहीं कर सका मरम्मत

कुछ कर्मचारियों का कहना था कि छत में लगा गार्डर सड़ चुका था उसकी शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई थी पर इसके प्रति गंभीरता नहीं दिखाई गई। अगर समय रहते गार्डर बदलवा दिया गया होता तो शायद छत नहीं गिरती।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 21 Dec 2021 12:20 PM (IST)Updated: Tue, 21 Dec 2021 12:20 PM (IST)
जर्जर भवनों को नोटिस जारी करने वाला नगर निगम अपनी इमारत की नहीं कर सका मरम्मत
संयोग अच्छा था कि छत दिन में नहीं गिरी, अन्यथा कई कर्मचारियों की जान खतरे में पड़ गई होती

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। जो नगर निगम शहर में जर्जर भवनों के जीर्णोद्धार एवं गिराने के लिए भवन स्वामियों को नोटिसें जारी करता है, वही नगर निगम अपनी जर्जर बिल्डिंगों के जीर्णोद्धार को लेकर कितना गंभीर है, इसका जीता जागता उदाहरण सोमवार को निगम के भवन की छत ढहने पर देखने को मिला।

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छत में लगा गार्डर सड़ गया लेकिन नहीं दिया गया ध्यान

संयोग अच्छा था कि छत दिन में नहीं गिरी, अन्यथा कई कर्मचारियों की जान खतरे में पड़ गई होती। हर तरफ चीख, कोहराम और भागदौड़ मची होती। नगर निगम द्वारा इस वर्ष करीब चार से पांच दर्जन जर्जर भवनों के लिए भवन स्वामियों को नोटिसें जारी करने की बात है। मगर, निगम प्रशासन अपने नाक के तले ही बिल्डिंग की मरम्मतीकरण नहीं करा सका और छत ढह गई। कुछ कर्मचारियों का कहना था कि छत में लगा गार्डर सड़ चुका था, उसकी शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई थी पर इसके प्रति गंभीरता नहीं दिखाई गई। अगर समय रहते गार्डर बदलवा दिया गया होता तो शायद छत नहीं गिरती। बहरहाल, छत के ढह जाने से उन विभागों के कर्मचारी भी दहशत में हैं, जिन विभागों की छतें जर्जर हैं। पार्षद कमलेश सिंह ने अभिलेखागार की छत से पानी का रिसाव होने के कारण अभिलेखों के नष्ट होने के संबंध में करीब दो साल पहले निगम प्रशासन को पत्र दिया था लेकिन, उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

चौक में दो मंजिला जर्जर मकान ढहाया

प्रयागराज: चौक क्षेत्र के त्रिपौलिया में कोर्ट के आदेश पर नगर निगम की टीम ने दो मंजिला जर्जर मकान को गिरवाया।मकान ढहाए जाने के समय आसपास आवागमन रोक दिया गया था। ध्वस्तीकरण कार्रवाई करीब तीन घंटे तक चली। त्रिपौलिया मोहल्ले के रहने वाले राजकुमार चौरसिया का दो मंजिला मकान जर्जर हो गया था। इस मकान से लोगों की जानमाल होने का खतरा था। इसके मद्देनजर मकान को ढहाने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया था। कोर्ट के आदेश पर नगर निगम की टीम ने जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से जर्जर मकान को सोमवार को गिरवाया। कार्रवाई दोपहर करीब एक से तीन बजे तक चली। कार्रवाई में सिटी मजिस्ट्रेट, अपर नगर आयुक्त मुशीर अहमद, सीओ फोर्स के साथ शामिल थे। अपर नगर आयुक्त ने बताया कि कोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई की गई।


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