Pratapgarh, UP Road Accident : जिरगापुर गांव में अब भी गूंज रहा विलाप और घरों में सिसकियां
हादसे में किसी ने पिता पति और बेटा खो दिया है तो किसी का दोस्त बिछड़ गया। हृदयविदारक घटना से मर्माहत ग्रामीण एक-दूसरे को साहस बंधाने में खुद को असहज महसूस कर रहे थे। आलम यह रहा कि पूरे गांव में मातमी सन्नाटा रहा।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में गुरुवार देररात सड़क हादसे में 14 लोगों की मौतों के बाद जिरगापुर गांव में दूसरे दिन भी मातम छाया रहा। गांव के अधिकांश घरों के चूल्हे नहीं जले। लोग उस मंजर को नहीं भूल पा रहे, जब उनके प्रियजनों की लाश आंखों के सामने थी और वे बेबस बने हुए थे। गांव की महिलाएं पीड़ित परिवारों के घर पहुंच ढांढस बंधाने में जुटी थीं तो पुरुषों की जुबां पर हादसे का जिक्र था। हर कोई नियति की क्रूरता को कोस रहा था।
मानिकपुर थाना क्षेत्र के देशराज का इनारा के समीप लखनऊ प्रयागराज हाईवे पर गुरुवार की रात बोलेरो दुर्घटनाग्रस्त होने से बरात में गए जिरगापुर गांव के 14 लोगों की मौत हो गई थी। इसकी खबर पहुंचने के बाद से ही पूरा गांव सदमे में है। शुक्रवार की शाम पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंचे। कुछ देर रोकने के बाद सभी शवों को एक साथ करेंगी गंगा तट पर ले जाकर दाह संस्कार कर दिया गया। दूसरे दिन शनिवार को भी ग्रामीण सदमे से बाहर नहीं आ पाए थे। रह-रहकर उनकी आंखों के सामने बरात से लेकर घटनास्थल और पोस्टमार्टम हाउस तक का मंजर नाच रहा था।
हादसे में किसी ने पिता, पति और बेटा खो दिया है तो किसी का दोस्त बिछड़ गया। हृदयविदारक घटना से मर्माहत ग्रामीण एक-दूसरे को साहस बंधाने में खुद को असहज महसूस कर रहे थे। आलम यह रहा कि पूरे गांव में मातमी सन्नाटा रहा। हादसे के शिकार नान्हभैया, बब्लू और दयाराम के घर आसपास ही हैं। यहीं से चंद कदम की दूरी पर संतराम का भी मकान है, जिसके बेटे सुनील की शादी थी। मोहल्ले में सिर्फ सिसकियां ही सुनाई दे रही थीं। अभिमन्यु और मिथलेश भी एक-दूसरे के पड़ोसी थे। फिलहाल दूसरे दिन भी पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने के लिए लोगों की आवाजाही जारी रही। लोग घटना का कारण जानने के लिए भी बेकल दिखे।