SCAM: प्रतापगढ़ में 5.6 करोड़ की डीएपी के गबन की जांच ईओडब्ल्यू के हवाले
प्रतापगढ़ में डीएपी के गबन के मामले में हर दिन नया मोड़ आ रहा है। एक तरफ इस मामले की जांच में स्थानीय प्रशासन की छह सदस्यीय कमेटी कर रही है वहीं अब अलग से इस पूरे मामले की जांच ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) करेगी।
प्रतापगढ़, जेएनएन। पीसीएफ गोदाम से पांच करोड़ छह लाख की डीएपी के गबन के मामले में हर दिन नया मोड़ आ रहा है। एक तरफ इस मामले की जांच में स्थानीय प्रशासन की छह सदस्यीय कमेटी कर रही है, वहीं अब अलग से इस पूरे मामले की जांच ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) करेगी। पीसीएफ के एमडी ने इस पूरे मामले को लेकर पुलिस महानिदेशक से बात की, इसके बाद ही यह निर्णय लिया गया।
जांच की आंच में झुलस सकते हैं कई सचिव व अन्य अधिकारी
पांच करोड़ छह लाख की डीएपी गबन कर फरार चल रहे भंडार नायक संतोष कुमार की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगी है। हालांकि अभी पुलिस को सफलता नहीं मिल पायी है। इस बड़े गबन मामले को विभाग के एमडी मासूम अली सरवर स्वयं मॉनीटरिंग कर रहे हैं। बुधवार को एमडी ने प्रदेश भर के जिला प्रबंधकों से वर्चुवल समीक्षा की। कहा गया कि प्रतापगढ़ में हुए डीएपी के गबन के मामले की जांच ईओडब्ल्यू करेगी। जो भी जांच में दोषी पाए जाएंगे, उनको बख्शा नहीं जाएगा। सभी गोदामों की जांच फिर से एक बार होने की बात सामने आई है। पीसीएफ के जिला प्रबंधक धनंजय तिवारी ने बताया कि एमडी ने वर्चुवल समीक्षा की है। गबन की घटना को लेकर नाराज हैं। घटना की जांच एमडी और डीजीपी से बातचीत के बाद ईओडब्ल्यू जांच का निर्देश हुआ है। विभागीय जांच पहले से ही चल रही है।
ताला तोड़कर शुरू की गोदाम में स्टाक की जांच
प्रतापगढ़ : डीएपी में करोड़ों के गबन के बाद यूरिया के स्टाक की जांच शुरू हो गई है। बुधवार की शाम शहर के मीराभवन स्थित पीसीएफ के दो गोदामों का ताला तोड़वाया गया। एक में भारी मात्रा में यूरिया होने के कारण उसकी गिनती नहीं की जा सकी। दूसरे गोदाम में 1952 बोरी यूरिया मिली। पटल सहायक विनय कुमार मौर्य को इसका चार्ज लेने को कहा गया ताे उसने मना कर दिया। कहा कि पहले पूरी गिनती करा लीजिए तभी वह चार्ज लेगा। इस पर दोनों गोदाम को पुन: सील कर दिया गया। एआर काेआपरेटिव अरविंद प्रकाश ने बताया कि डीएम द्वारा गठित कमेटी की मौजूदगी में मीराभवन स्थित पीसीएफ के दो गोदामों का ताला तोड़वाया गया। एक गोदाम में अधिक मात्रा में यूरिया होने के कारण उसकी गिनती नहीं की जा सकी। किसी के चार्ज न लेने पर पुन: गोदाम को सील करा दिया गया।