खसरा आनलाइन होने से धान खरीद में रुकेगा फर्जीवाड़ा, प्रतापगढ़ में की जा रही है इसकी तैयारी
इस बार किसानों का खसरा आनलाइन किया जाएगा। राजस्व विभाग के पोर्टल पर दर्ज होगा कि किस किसान ने कौन सी फसल की बोआई कर रखी है। इससे बिचौलिए मनमानी नहीं करने पाएंगे। धान की खरीद में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ऐसा निर्णय लिया गया है।
प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। धान की फसल तैयार होने में अभी वक्त है। लेकिन, अभी से ही सारी तैयारियां शुरू हो गईं हैं। एक ओर जहां क्रय केंद्रों की साफ-सफाई कराने का निर्देश दिया जा चुका है। नमी मापक यंत्र को ठीक करने को कहा गया है, वहीं दूसरी ओर शासन स्तर से एक नया फैसला लिया गया है। इस बार किसानों का खसरा आनलाइन किया जाएगा। राजस्व विभाग के पोर्टल पर दर्ज होगा कि किस किसान ने कौन सी फसल की बोआई कर रखी है। इससे बिचौलिए मनमानी नहीं करने पाएंगे। धान की खरीद में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ऐसा निर्णय लिया गया है।
बिचौलिए किसानों का पंजीकरण करा देते थे
जिले में एक नवंबर से धान खरीद शुरू होगी जो 28 फरवरी तक चलेगी। धान खरीद में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए शासन ने नई पहल की है। सभी किसानों का खतरा आनलाइन किया जाएगा। गांव के लेखपाल इसका सत्यापन करके पूरा ब्योरा पोर्टल पर जिक्र करेंगे। अभी तक ऐसा नहीं होता था। ऐसे में बिचौलिए किसानों का पंजीकरण करा देते थे। खुद जाकर क्रय केंद्र पर धान व गेहूं का विक्रय करते थे। इससे सरकार के राजस्व का काफी नुकसान होता था। पारदर्शिता लाने के लिए नया प्रयोग किया जा रहा है। इससे पारदर्शिता आनी तय है। डिप्टी आरएमओ अजीत कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस बार किसानों का खसरा आनलाइन किया जाएगा। किसान ने कौन से फसल की बोआई की है। उसमें उसका जिक्र रहेगा। धान खरीद में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से यह फैसला शासन स्तर से लिया गया है।
- 15 हजार किसानों ने बेचा था धान
पिछले साल धान खरीद के दौरान 18 हजार किसानों ने पंजीकरण कराया था। इसमें केवल 15 हजार किसानों ने धान विक्रय किया था। तीन हजार किसान धान विक्रय करने से वंचित रह गए थे। हालांकि राजस्व टीम ऐसे किसानों का ब्योरा पहले जुटाएगी। उसे पहले फीड कराएगी।
- एडीएम बने खरीद अधिकारी
एडीएम शत्रोहन वैश्य को धान खरीद अधिकारी नामित किया गया है। केंद्रों पर मौजूद संसाधन, साफ-सफाई आदि की मानीटङ्क्षरग अफसर द्वारा की जा रही है। किस संस्था के कौन से केंद्र बनाए जाएंगे, यह निर्णय क्रय नीति आने के बाद ही लिया जाएगा।