Move to Jagran APP

व्यापारियों ने कहा, सूबे में भी बढ़े ई-वे बिल की सीमा

जीएसटी काउंसिल ने ई-वे बिल की सीमाव कुछ प्रांतों में बढ़ा दी है। उप्र में ऐसा न होने से व्‍यापारियों ने यहां भी सीमा बढ़ाने की मांग की है। ऐसा न होने से उनमें आक्रोश है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 02:10 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 02:10 PM (IST)
व्यापारियों ने कहा, सूबे में भी बढ़े ई-वे बिल की सीमा
व्यापारियों ने कहा, सूबे में भी बढ़े ई-वे बिल की सीमा

प्रयागराज: वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के लागू होने पर जीएसटी काउंसिल ने ई-वे बिल की सीमा (एक समान) 50 हजार रुपये तय किया था। लेकिन कुछ राज्यों ने इस सीमा को बढ़ाकर एक और पांच लाख रुपये तक कर दिया है। ऐसे में सूबे में भी ई-वे बिल की सीमा बढ़ाने की मांग व्यापारियों की ओर से की जा रही है। साथ ही सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं कि इससे जीएसटी काउंसिल के निर्णयों में एकरूपता कहां रह गई।

loksabha election banner

  दरअसल, महाराष्ट्र में ई-वे बिल की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई। जबकि दिल्ली, मध्यप्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में यह सीमा बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है। मध्य प्रदेश में तो जिले के अंदर माल भेजने पर ई-वे बिल भी नहीं लगता है। हालांकि, यूपी में ई-वे बिल की सीमा अभी भी 50 हजार रुपये है। जिसे बढ़ाने की मांग व्यापारी वाणिज्य कर विभाग के कमिश्नर और मुख्यमंत्री से कर रहे हैं।

  उत्तर प्रदेश व्यापार कल्याण समिति के प्रदेश संयोजक संतोष पनामा का कहना है कि अन्य राज्यों में सीमा बढ़ा दी गई है तो यहां क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है। इससे बड़े व्यापारियों की उलझनें बढ़ेंगी। उनमें इस बात को लेकर भी आक्रोश पनप रहा है कि उन्हें सुविधा का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि यदि दूसरे राज्यों ने ई-वे बिल की सीमा बढ़ा दी है तो जीएसटी काउंसिल के निर्णय में एकरूपता कहां रह गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.