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उपग्रहों की मदद से बताया जाएगा कुंभ में संगम स्नान करने पहुंचे कितने श्रद्धालु

इस बार कुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ का आंकलन उपग्रह की मदद से होगा। पहली बार कुंभ में आई भीड़ की सटीक जानकारी के लिए उपग्रहों की मदद ली जाएगी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 07:14 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 07:34 PM (IST)
उपग्रहों की मदद से बताया जाएगा कुंभ में संगम स्नान करने पहुंचे कितने श्रद्धालु
उपग्रहों की मदद से बताया जाएगा कुंभ में संगम स्नान करने पहुंचे कितने श्रद्धालु

प्रयागराज (जेएनएन) इस बार कुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ का आंकलन उपग्रह की मदद से होगा। पहली बार कुंभ में आई भीड़ की सटीक जानकारी के लिए उपग्रहों की मदद ली जाएगी। उल्लेखनीय है कि अभी तक मेला प्रशासन श्रद्धालुओं के बारे में अनुमान लगाकर उनकी संख्या की घोषणा करता था। इस बार उपग्रह के जरिए वास्तविक आंकड़े पेश करने की तैयारी है। इसके लिए गूगल भी अपना कैंप लगाएगा। उल्लेखनीय है कि  मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) ने एक ऐसा साफ्टवेयर को अंतिम रूप देने में लगा है जिसके जरिए भीड़ की गणना निगरानी और उसकी मनोदशा का भी आंकलन किया जा सकेगा।

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अब श्रद्धालुओं की गिनती कुछ अलग

उपग्रह के चित्रों से श्रद्धालुओं गिनती करने का तरीका नई सदी में परंपरा बन गया है। हालांकि गिनती करने वाले खुद मानते हैं कि कुंभ मेले के उपग्रह चित्रों से लोगों को गिनने की कोशिश की जाती है लेकिन इससे सिर्फ स्नान करने वालों की ही गणना हो पाती है। इसके अलावा पूरे शहर, गली कूचे में आने वाले लोगों की गणना बहुत कठिन हो जाती है। हालांकि यह आंकड़ा भी वास्तविकता के करीब होता है सटीक नहीं। इसमें अमून दस फीसद की सहिष्णुता पाई जाती है।

पता चलेगा किस घंटे-कितनी भीड़ 

गौरवमयी कुंभ में श्रद्धालुओं की गणना के लिए एमएनएनआइटी, आइआइटी रुड़की और ट्रिपल आइटी प्रयागराज के एक्सपर्ट भी इस बार शामिल रहेंगे। श्रद्धालुओं की सही संख्या के लिए तकनीकी के प्रयोग को लेकर प्रयागराज मेला प्राधिकरण और गूगल गुरुग्राम स्थित कार्यालय के अफसरों की एक बैठक हो चुकी है। जल्द ही एक उच्चस्तरीय बैठक भी होगी।  इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि समस्त गणना के अलावा किस घंटे, कितनी भीड़ रही, इसकी भी जानकारी हो सकेगी। 

गूगल के अफसरों से वार्ता

कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद कहते हैं कि संगम तीरे होने वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम में कितने श्रद्धालु आएंगे, इसका सही आंकड़ा तकनीक के जरिए पूरा विश्व जान सकेगा। गूगल के अफसरों से वार्ता चल रही है, जो उपग्रहों की मदद से आंकड़ा उपलब्ध कराएंगे। अब तक ट्रेनों, बसों, पार्किंग में निजी वाहनों की तादाद के मुताबिक श्रद्धालुओं की संख्या का आंकलन किया जाता था। मेला क्षेत्र के प्रमुख मार्गों पर आने वाली भीड़ भी आंकलन में आधार होती थी। अब गूगल के जरिए हर रोज तथा प्रमुख स्नान पर्वों पर संगम आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या के बारे में सटीक जानकारी हो सकेगी। 

इस तरह किया जाएगा हेड काउंट

उपग्रह को प्रयागराज जिले पर फोकस किया जाएगा। मेला क्षेत्र में सभी मार्गों पर प्रति किमी हर घंटे लगातार आने वाले लोगों पर उपग्रह नजर रखेगा और हेड काउंट करने वाली मशीन गिनती कर रिपोर्ट देती रहेगी। किस मार्ग पर कितने किलोमीटर में कितने लोग हैं, इसका ब्योरा जुटाकर भक्तों के संख्या की घोषणा की जाएगी। 

श्रद्धालुओं का सटीक आंकड़ा

मेला क्षेत्र में ही गूगल अधिकारियों और एक्सपर्ट के लिए कैंप कार्यालय बनेगा। यहां से ही रिपोर्ट गुरुग्राम जाएगी। हर घंटे रिपोर्ट गूगल पर अपडेट रहेगी। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं का सटीक आंकड़ा गूगल की मदद जुटाया जाएगा। प्रतिदिन और प्रमुख स्नान पर्वों पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के बारे में अलग से भी जानकारी मिल सकेगी। 


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