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भाजपा की कामयाबी के पीछे दिव्य व भव्य कुंभ भी

प्रयागराज कुंभ के लिए उत्कृष्ट व्यवस्था की थी। संतों और श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए ऐतिहासिक कम किए गए थे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 25 May 2019 07:10 PM (IST)Updated: Sun, 26 May 2019 10:45 AM (IST)
भाजपा की कामयाबी के पीछे दिव्य व भव्य कुंभ भी
भाजपा की कामयाबी के पीछे दिव्य व भव्य कुंभ भी

विजय सक्सेना, प्रयागराज : लोकसभा चुनाव में भाजपा की शानदार कामयाबी के कारणों में प्रयागराज का दिव्य व भव्य कुंभ भी रहा है। पार्टी नेताओं के साथ ही संत समाज से जुड़े लोगों का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने जिस तरह व्यवस्था की, उससे मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा के लोग खासे प्रभावित हुए। उन्होंने अपने अपने शहर, कस्बे और गांवों में जाकर व्यवस्था का बखान किया। इस बखान ने भी भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया। 

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 22 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी 
कुंभ 2019 के दौरान लाखों श्रद्धालु 50 दिनों तक डटे रहे। सरकारी आंकड़ा 22 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का है। मेले में मोदी और योगी सरकार के कई मंत्री तो नियमित रूप से आए और व्यवस्थाएं देखीं। योगी आदित्यनाथ कैबिनेट की बैठक तक कुंभनगर में हुई। केंद्र और प्रदेश का फोकस कुंभ पर था इसलिए दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम भव्यता के साथ संपन्न हुआ। कहीं कोई घटना दुर्घटना नहीं हुई। यह बात भी भाजपा के पक्ष में गई। केंद्र और प्रदेश सरकार ने आयोजन पर करीब 4200 करोड़ रुपये खर्च किए थे इस बार। दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए स्वच्छता समेत अन्य इंतजाम विश्व स्तरीय थे। ब्रांडिंग भी देश दुनिया में की गई। 

इसका असर लोकसभा चुनाव पर दिखा
 कुंभ के तुरंत बाद लोकसभा चुनाव होना था, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार के ढेर सारे मंत्री देश-विदेश से यहां पहुंचे संत-महात्माओं के लगातार संपर्क में रहे। इसका असर लोकसभा चुनाव पर दिखा। हरियाणा तथा झारखंड के अलावा छत्तीसगढ़ के कई भाजपा नेताओं ने अपने खर्च से वाहन की व्यवस्था की और निर्धन श्रद्धालुओं को अपने खर्च पर संगम में डुबकी लगवाने के लिए भिजवाया। संगम की माटी से फैली भगवा लहर राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड व हरियाणा में खूब चली। संत भी मानते हैं कि कुंभ के जरिए चला गया दांव बेमिसाल रहा। हालत यह थी कि अखिलेश यादव भी डुबकी लगाने आए। प्रियंका वाड्रा को भी गंगा यात्रा के लिए संगम को चुनना पड़ा। उन्होंने यहां आचमन भी किया। यह बात दीगर थी कि उनके साथ मतदाता नहीं जुड़े।

श्रद्धालुओं ने किया इंतजामों का बखान 
महानगर अध्यक्ष भाजपा अवधेश गुप्ता का कहना है कुंभ में करोड़ों श्रद्धालु आए। हर कोई यहां के इंतजामों से संतुष्ट हो कर गया। निश्चित तौर पर यहां से लौटने के बाद श्रद्धालुओं ने इंतजामों का बखान किया होगा। पहली बार ऐसा हुआ जब संत-महात्मा से लेकर हर कोई आमतौर पर संतुष्ट रहा। उनका आशीर्वाद भाजपा को जरूर मिला है, ऐसा मैं कह सकता हूं।  वहीं, मुख्य संरक्षक जूना अखाड़ा महंत हरिगिरि का कहना है कि मोदी और योगी सरकार ने प्रयागराज कुंभ के लिए उत्कृष्ट व्यवस्था की थी। संतों और श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए ऐतिहासिक कम किए गए थे। शहर समेत मेला क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से काम हुआ, जिससे दुनिया में कुंभ का गौरव फैला। दुनिया सनातन धर्म के वैभव से खुद को जोड़ सकी। इसका सार्थक परिणाम लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिला। 

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