प्रयागराज के एक अस्पताल में कबूतरों की मौत, दहशत में ग्रामीण
सीएचसी के आवासीय परिसर में चार कबूतर मरे हुए पाए गए। जिसे देखकर स्वास्थ्य कर्मियों में खलबली मच गई। कुछ ही देर में वहां से स्टाफ अपने परिवार के हटने लगे। देखते ही देखते आवासीय परिसर के मकानों में ताले लटकने लगे।
प्रयागराज, जेएनएन। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फूलपुर की छत पर पूर्व में मरे छह कबूतरों तथा आवासीय परिसर में मरे बुधवार को चार कबूतरों के देखने पर वहां पर स्वास्थ्य कर्मियों में बर्ड फ्लू की आशंका से हड़कंप मच गया। लोग वहां से फौरन ही हटने लगे। मामले की सूचना मिलते ही राजकीय पशु चिकित्सालय फूलपुर उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अरविंद सिंह ने मौके पर पहुंच कर मरे कबूतरों की जांच कर उसमें किसी प्रकार का संक्रमण न पाए जाने पर पालीथिन में भरकर गड्ढा खोदवा कर उसमें दफन करा दिया गया।
सीएचसी आवासीय परिसर में मृत मिले चार कबूतर
सीएचसी के आवासीय परिसर में चार कबूतर मरे हुए पाए गए। जिसे देखकर स्वास्थ्य कर्मियों में खलबली मच गई। कुछ ही देर में वहां से स्टाफ अपने परिवार के हटने लगे। देखते ही देखते आवासीय परिसर के मकानों में ताले लटकने लगे। घटना की जानकारी राजकीय पशु चिकित्सालय फूलपुर में दे गई।
अस्पताल की छत पर भी छत कबूतर मृत मिले
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे उप मुख्य चिकित्साधिकारी फूलपुर डा. अरविन्द कुमार सिंह ने मरे हुए कबूतरों की जांच करते हुए आस पास भी छानबीन की तो सीएचसी फूलपुर के चिकित्सालय के छत पर छह पहले से मरे हुए कबूतर भी मिले। इस प्रकार से मरे हुए 10 कबूतरों की चिकित्सीय परीक्षण डाक्टरों की टीम द्वारा किया गया। जिसमें किसी भी कबूतर में बर्ड फ्लू का संक्रमण नहीं पाया गया। इसके पश्चात डा.अरविन्द कुमार ङ्क्षसह की टीम द्वारा मरे हुए कबूतरों को पालीथिन में भरकर सभी को मिट्टी में दफना दिया गया। इस संबंध में उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी फूलपुर डा. अरविन्द कुमार सिंह ने बताया कि मरे हुए कबूतरों में बर्ड फ्लू का कोई लक्षण नहीं मिला है।