पूरामुफ्ती में अशोक की दुकान से लिया था सिलिंडर
इलाहाबाद : सिविल लाइंस स्थित यूको बैंक के लॉकर काटने के लिए शातिर चोरों ने ऑक्सीजन सिलिंडर जहां से खरीदा था, पुलिस को सुराग लग गया है। पुलिस ने पड़ोसी जिले कौशांबी के पूरामुफ्ती निवासी जिस व्यक्ति की दुकान से सिलिंडर खरीदा गया था। इसी गिरोह ने कौशांबी में भी वारदात को अंजाम दिया था।
जासं, इलाहाबाद : सिविल लाइंस स्थित यूको बैंक के लॉकर काटने के लिए शातिर चोरों ने ऑक्सीजन सिलिंडर कौशांबी के पूरामुफ्ती कस्बा निवासी अशोक कुमार की दुकान से खरीदा था।
करेली निवासी आजाद, अमजद और झारखंड का अकबर अशोक की दुकान पहुंचे थे। आजाद केमिस्ट की दुकान पर काम करता है, लिहाजा वह डॉक्टर जैसे कपड़े पहनकर पहुंचा था। अकबर इलेक्ट्रीशियन का काम करता है। पूछताछ में उसने बताया कि उसने बैंक के भीतर की इलेक्ट्रिक व अन्य तारों को निकाला था। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि कौशांबी के करारी स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में वारदात करने में भी उनका हाथ था। हालांकि तब यूको बैंक की घटना का मास्टर माइंड हसन चिकना कौशांबी नहीं आया था, लेकिन उस गिरोह के सदस्यों ने कटर से करेंसी चेस्ट काटकर करीब 10 लाख रुपये उड़ा दिए थे। चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद कुछ लोग झारखंड चले गए थे। आर्थिक रूप से मजबूत होने पर उन्होंने इलाहाबाद में यूको बैंक को निशाना बनाने के लिए प्लानिंग शुरू कर दी थी। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में सितंबर 2017 में घटना हुई थी। तब कौशांबी पुलिस ने चोरों की तलाश में काफी दिनों तक छानबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका और वारदात का पर्दाफाश भी नहीं हो सका। जिसका फायदा शातिर चोरों को मिल गया।
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ढाई लाख रुपये में बुक किया था अप्पे -
पुलिस को छानबीन में यह भी पता चला है कि शातिर चोरों ने वारदात को अंजाम देने से पहले पानी की तरह पैसा खर्च किया। सिलिंडर लाने के लिए चोरों ने ढाई लाख रुपये में अप्पे बुक किया था। अप्पे के जरिए ही पूरामुफ्ती से सिविल लाइंस तक सिलिंडर लाया गया था। प्लानिंग के अनुरुप आजाद, अकबर और अमजद सिलिंडर लेकर आ रहे थे, तब रास्ते में उनसे पुलिस ने पूछताछ की तो बताया गया कि सिलिंडर को निजी अस्पताल ले जाया जा रहा है। फिलहाल अब तक गिरफ्त में आए लगभग आधा दर्जन मददगार व गुर्गो से पूछताछ में घटना की कहानी सामने आती जा रही है।