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यहां की हवा नहीं रही शुद्ध, प्रयागराज रेड जोन में, बजी खतरे की घंटी

इंटरनेट मीडिया एक्यूवेदर का दावा अगर मानें तो प्रयागराज की एयर क्वालिटी गुरुवार शाम 185 थी और देर रात यह 201 तक पहुंच गई। जो लोगों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। हवा की गुणवत्ता मामले में रेड जोन में आ गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 07:20 AM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 07:20 AM (IST)
यहां की हवा नहीं रही शुद्ध, प्रयागराज रेड जोन में, बजी खतरे की घंटी
यह स्थिति तब है जब अभी दीपावली के पटाखों से प्रदूषण फैलना बाकी है।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना के संक्रमण काल में मास्क लगाने से परहेज कर रहे लोगों के लिए खतरे की एक और घंटी बज उठी है। दरअसल, प्रयागराज इन दिनों एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) यानी हवा की गुणवत्ता मामले में रेड जोन में आ गया है। मौसम का सटीक अनुमान बताने वाली वेबसाइट एक्यूवेदर का यह दावा है कि प्रयागराज का एक्यूआइ गुरुवार शाम 185 से भी अधिक हो गया है। जबकि स्वच्छ हवा का मानक एक्यूआइ 0-50 ही है। और यह स्थिति तब है जब अभी दीपावली के पटाखों से प्रदूषण फैलना बाकी है और खेतों में पराली (पैरा) जलाने पर सख्ती से रोक है।

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प्रयागराज में कोरोना की गति थम रही है जबकि यहां रह रहे लोग एक बार फिर अदृश्य खतरे के दायरे में हैं। वातावरण में कुछ ठंडक आने के साथ ही यहां की हवा में प्रदूषण फैल गया है। इसकी वजह कई हो सकती है लेकिन, कई दिनों से मकानों और प्रतिष्ठानों के ध्वस्तीकरण के चलते उड़ रही भयंकर धूल, अनलॉक में गाडिय़ों का एक बारगी लाखों की संख्या में सड़क पर दौड़ पडऩा माना जा रहा है। जबकि इन दिनों खेतों में धान कटाई के बार पैरा जलाने पर सख्ती से रोक लगी हुई है। और हर साल दीपावली पर करोड़ों रुपये के पटाखों की आतिशबाजी से हवा में जो प्रदूषण फैलता है उस लिहाज से भी देखा जाए तो दीपावली को अभी नौ दिन शेष हैं। इंटरनेट मीडिया एक्यूवेदर का दावा अगर मानें तो प्रयागराज की एयर क्वालिटी गुरुवार शाम 185 थी और देर रात यह 201 तक पहुंच गई। जो लोगों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक है।

बाहर निकलने से करें परहेज

एक्यूवेदर के मौसम विज्ञानी लोगों को आगाह कर रहे हैं कि घर से बाहर निकलने से जितना हो सके परहेज करें। क्योंकि अशुद्ध ऑक्सीजन श्वांस के जरिए आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

यह है एयर क्वालिटी का मानक

0-50 तक सामान्य

50-150 तक मध्यम स्तरीय खतरा

150 से अधिक है तो ज्यादा खतरनाक

वातावरण में बढऩे लगी ठंड

मौसम ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया। हवाओं का रुख बदलने से वातावरण में ठंडक घुल गई। यही वजह है कि अब सर्दी के कपड़े भी लोगों ने निकालने शुरू कर दिए हैं। ओस पडऩे के साथ संगमनगरी ने धुंध की चादर भी ओढ़ ली। इससे लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ा।

नवंबर के शुरुआत में सामान्य तापमान से गुरुवार का न्यूनतम तापमान तीन डिग्री कम रहा। जबकि, अधिकतम तापमान एक डिग्री अधिक रहा। रात का पारा ज्यादा गिरने से एसी, कूलर और पंखे बंद रहे। मौसम विभाग की मानें तो नवंबर में सामान्य तापमान न्यूनतम 16 डिग्री और अधिकतम 33 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। न्यूनतम तापमान 16 से 13 और अधिकतम 33 से 32 पर रहा। दिन में चटख धूप रही। हालांकि, बीच में सर्द हवाओं ने लोगों को ठंड के आहट का अहसास दिलाया।

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के भूगोल विभाग के अध्यक्ष और मौसम विज्ञानी प्रोफेसर एआर सिद्दीकी ने बताया कि तापमान में अभी और गिरावट आएगी। इस बार 15 दिन देर से सर्दी शुरू हो रही है। जबकि, दिल्ली में ठंड हवाओं ने सर्दी का अहसास करा दिया है। पछुआ हवाएं यहां भी इस बार खूब तेज ठंड लेकर आएंगी।


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