हद कर दी प्रयागराज पुलिस ने, जो आदमी दुनिया में नहीं उसके बयान में फंसा दिया युवक को
सोरांव इंस्पेक्टर को अपने ही थाने में तैनात रहे दारोगा पर 15 दिन के अंदर मुकदमा लिखकर अदालत को सूचित करना था। प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने की सात नियत तिथि बीतने के बाद कोर्ट ने अवमानना मानते हुए इंस्पेक्टर सोरांव को तलब करने का आदेश दिया।
अंकित शुक्ल, प्रयागराज। प्रयागराज पुलिस के कारनामे अक्सर सामने आते रहते हैं। अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें पुलिस ने दो साल पहले मर चुके शख्स के बयान में एक युवक को फंसा दिया। शिकायत पर अदालत ने उस दारोगा के खिलाफ मुकदमा लिखने के लिए आदेश जारी किया। दारोगा पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का अदालती आदेश थाने की फाइलों में एक साल से ज्यादा समय तक दफन रहा। पीडि़ता मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाने का चक्कर लगाती रही, अदालत के आदेश के बाद भी सोरांव थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। अब जाकर पुलिस ने एफआइआर लिखी है।
15 दिन में FIR लिखकर अदालत को करना था सूचित
सोरांव इंस्पेक्टर को अपने ही थाने में तैनात रहे दारोगा पर 15 दिन के अंदर मुकदमा लिखकर अदालत को सूचित करना था। प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने की सात नियत तिथि बीतने के बाद कोर्ट ने अवमानना मानते हुए इंस्पेक्टर सोरांव को तलब करने का आदेश दिया। अदालत के सख्त रवैए के बाद सोरांव थाने की पुलिस ने एक साल बाद दारोगा के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर अदालत को सूचित किया। कोर्ट ने एसएसपी को प्रभारी निरीक्षक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी।
जिसकी मौत हो चुकी, उसके केस में फंसाया था
दरअसल, थाना सोरांव की रहने वाली सत्या देवी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अर्जी दाखिल कर आरोप लगाया था कि उसके इकलौते लड़के को सोरांव थाने में तैनात दारोगा राममनेही ने विपक्षियों के कहने पर एक झूठे मामले में फंसा दिया है। विरोधी के बयान को साक्ष्य मानकर उसके लड़के को आरोपित बनाया है। मुकदमा दर्ज होने के दो साल पहले ही उस व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है। अदालत में पीडि़ता ने बयान दर्ज कराने वाले व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण दाखिल किया। जिस पर अदालत ने प्रथम दृष्टया दारोगा को दोषी मानते हुए चार मार्च 2020 को सोरांव इंस्पेक्टर को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया था।
इंस्पेक्टर को नोटिस जारी करने पर लिखा गया केस
अदालत के आदेश के बाद भी सोरांव थाने में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। कोर्ट ने प्रगति रिपोर्ट मांगी, एक के बाद एक सात तारीख निकल गई। एक साल तक मुकदमा दर्ज नहीं करने को लेकर कोर्ट ने सोरांव इंस्पेक्टर को नोटिस जारी कर न्यायालय का आदेश समय से अनुपालन न होने पर आख्या तलब की। उन्होंने कोर्ट को बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया है। कोर्ट ने एसएसपी को प्रभारी निरीक्षक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी।