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फर्जी टिकट बनाने वाला टीटीई पकड़ा, निलंबित

इलाहाबाद जंक्शन पर तैनात चार महीने पहले नियुक्त टीटीई फर्जी टिकट बनाने के आरोप में गिरफ्तार हुआ। जांच टीम ने दो ईएफटी बुक और करीब 10 हजार रुपये बरामद किए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 01:01 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 01:01 PM (IST)
फर्जी टिकट बनाने वाला टीटीई पकड़ा, निलंबित
फर्जी टिकट बनाने वाला टीटीई पकड़ा, निलंबित

जासं, इलाहाबाद : ट्रेन में फर्जी टिकट बनाकर रेलवे को चुना लगाने वाले टीटीई को इलाहाबाद मंडल की जांच टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया है। टीटीई प्रदीप कुमार मौर्य के पास से दो ईएफटी बुक और 10875 रुपये बरामद हुए हैं। उसे निलंबित करके चार्ज शीट जारी करके विभागीय कार्रवाई की जा रही है। चार महीने पहले प्रदीप की नियुक्ति टीटीई पद पर हुई थी। वे इलाहाबाद जंक्शन पर तैनात है।

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चार जुलाई को गाड़ी संख्या 19042 गाजीपुर-बांद्रा टर्मिनल के शयनयान कोच में फर्जी टिकट पकड़ने का मामला सामने आया था। उसके उपरांत वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक नवीन दीक्षित ने वाणिज्य निरीक्षक रमेश प्रसाद के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर दिया था, जो लगातार पैनी नजर रखे हुए थे। टीम सोमवार को गाजीपुर-बांद्रा टर्मिनल एक्सप्रेस में गाजीपुर सिटी स्टेशन से यात्री बनकर बैठी। मडियाहू स्टेशन से गाड़ी चलने पर एक टीटीई एस-1 कोच में फर्जी ईएफटी पर यात्रियों की रसीद काट रहा था। रसीद पर इलाहाबाद की मुहर लगी थी, जबकि गाड़ी में इलाहाबाद का स्टाफ जंक्शन से आगरा के बीच चलता है। पूछताछ करने पर टीटीई ने अपना नाम प्रदीप कुमार मौर्य (पुत्र बसंत लाल) बताया। वे इलाहाबाद जंक्शन पर तैनात है। मूलरूप से जौनपुर जिले के नवेड़िया थाना के पोस्ट बिलोरी के गांव चकिया का रहने वाला है। उसके पास से दो ईएफटी बुक और 10875 रुपये कैश बरामद हुए हैं। इलाहाबाद मंडल के जनसंपर्क अधिकारी सुनील कुमार गुप्ता का कहना है कि फर्जी टिकट बनाने वाले टीटीई को निलंबित करके चार्जशीट जारी कर दी गई है। प्रदीप पहले गु्रप-डी कर्मचारी था। चार महीने पहले पदोन्नति होकर टीटीई पद पर तैनात हुआ था।

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फर्जी टीटीई भी बनाते हैं टिकट

वाराणसी से मुंबई जाने वाली ट्रेनों में एक टीटीई गिरोह सक्रिय है, जो यात्रियों से पैसे लेकर फर्जी टिकट बनाता है। लगभग छह महीने पहले प्रयाग से इलाहाबाद जा रही एक गाड़ी में संतोष यादव नाम का फर्जी टीटीई पकड़ा गया था। वह रोडवेज कर्मचारी था, लेकिन फर्जी टीटीई बनकर पैसों की वसूली करता था। पकड़ा गया प्रदीप कुमार मौर्य भी उसी गिरोह का है। इसलिए मात्र चार महीने की नौकरी में उनसे पैसा वसूली के सभी तरीके सीख लिए थे।

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