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अखाड़ा परिषद में खींचतान, नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद प्रस्तावित बैठक टलने की संभावना

Akhara Parishad 25 अक्टूबर को प्रस्तावित बैठक को लेकर आपसी सहमति नहीं बन पायी है। अधिकतर अखाड़े बैठक से पहले सहमति न बनाने से नाराज हैं। बिना पूछे तारीख तय करने के कारण खुद को बैठक से अलग कर लिया है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 07:00 AM (IST)
अखाड़ा परिषद में खींचतान, नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद प्रस्तावित बैठक टलने की संभावना
25 अक्टूबर को प्रस्तावित अखाड़ा परिषद की बैठक टलने की प्रबल संभावना है।

शरद द्विवेदी, प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में आपसी खींचतान बढ़ गई है। नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर 25 अक्टूबर को प्रस्तावित अखाड़ा परिषद की बैठक से 13 में से आठ अखाड़ों ने खुद को अलग कर लिया है। अभी तक जूना, अग्नि, आह्वान, श्रीनिरंजनी व अटल अखाड़ा ने ही बैठक में शामिल होने के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है। इसके अलावा किसी अखाड़े ने सहमति नहीं दी है। आठ अखाड़े बैठक की तारीख पर सहमति नहीं बनाने से नाराज हैं। इसके अलावा हर अखाड़ा अध्यक्ष पद पर दावेदारी कर रहा है। कुछ ने खुलकर पद मांगा है, जबकि कुछ अंदरखाने उसके लिए जोड़तोड़ में जुटे हैं। दावेदारों की संख्या बढऩे पर सहमति बनती नजर नहीं आ रही है। ऐसी स्थिति में 25 अक्टूबर को प्रस्तावित अखाड़ा परिषद की बैठक टलने की प्रबल संभावना है।

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बैठक की तारीख पर सहमति नहीं 

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की 20 सितंबर को मृत्यु हो गई थी। इसके बाद अध्यक्ष का पद खाली है। नए अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए 25 अक्टूबर को श्रीनिरंजनी अखाड़ा प्रयागराज में अखाड़ा परिषद की बैठक बुलाई गई है। अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदारों में श्रीमहानिर्वाणी व श्रीनिरंजनी अखाड़ा बताए जा रहे हैं। इसके अलावा जूना, वैष्णव सम्प्रदाय के तीनों अनी अखाड़ों, निर्मल, बड़ा उदासीन, नया उदासीन अखाड़ा भी अध्यक्ष पद चाहते हैं। दावेदारों की संख्या अधिक होने पर स्थिति बिगड़ गई है। वहीं, 25 अक्टूबर को प्रस्तावित बैठक को लेकर आपसी सहमति नहीं बन पायी है। अधिकतर अखाड़े बैठक से पहले सहमति न बनाने से नाराज हैं। बिना पूछे तारीख तय करने के कारण खुद को बैठक से अलग कर लिया है। वहीं, अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि का कहना है कि अध्यक्ष पद पर दावा करना हर अखाड़े का अधिकार है, जिसका सम्मान किया जाएगा। अंत में सारा निर्णय आपसी सहमति के करेंगे।

इनका यह है कहना

अखाड़ा परिषद की बैठक मनमाने ढंग से तय की गई है। इसी कारण वैष्णव सम्प्रदाय के अखाड़ों ने उसका बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

श्रीमहंत राजेंद्र दास, कार्यकारी अध्यक्ष वैष्णव अखाड़ा परिषद

बैठक की तारीख तय करने के बाद मुझे बताया गया कि आपको अध्यक्षता करनी है। मुझे 23 अक्टूबर को दिल्ली जाना है। वहां से 26 को लौटूंगा, इसलिए बैठक में नहीं रहूंगा।

श्रीमहंत देवेंद्र शास्त्री, कार्यवाहक अध्यक्ष अखाड़ा परिषद

अखाड़ा परिषद की बैठक की तारीख तय करने से पहले किसी की राय नहीं ली गई। इससे हमारा अखाड़ा उसमें शामिल नहीं होगा।

श्रीमहंत व्यास मुनि, बड़ा उदासीन अखाड़ा व प्रवक्ता अखाड़ा परिषद


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