नौनिहालों को किताबी ज्ञान संग योग की भी दे रहे शिक्षा, प्रतापगढ़ के शिक्षक का है मिशन
साथियों में योग गुरु के नाम से प्रसिद्ध इनका योग के प्रति विश्वास कहें या फिर सहायक अध्यापक आदित्य कुमार सिंह सोमवंशी का जुनून अभी तक उनसे प्रशिक्षित छात्र-छात्राएं भी जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक तक पुरस्कृत हो चुके हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। नौकरी हो या व्यवसाय, कुछ हटकर करने की लगन किसी किसी में होती है। ऐसे लोग समाज को स्वस्थ, सुशिक्षित बनाने में बहुत योगदान देते हैं। कुछ इसी सोच के साथ उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के सदर विकास खंड में भी सहायक अध्यापक कार्य कर रहे हैं। यह लगन है पूर्व माध्यमिक विद्यालय सेतापुर के सहायक अध्यापक आदित्य कुमार सिंह सोमवंशी में। वह विद्यालय में बच्चों को बुनियादी तालीम के साथ योग की विद्या सिखा रहे हैं।
प्रतापगढ़ के सहायक अध्यापक योग गुरु के नाम से प्रसिद्ध हैं
साथियों में योग गुरु के नाम से प्रसिद्ध इनका योग के प्रति विश्वास कहें या फिर सहायक अध्यापक आदित्य कुमार सिंह सोमवंशी का जुनून, अभी तक उनसे प्रशिक्षित छात्र-छात्राएं भी जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक तक पुरस्कृत हो चुके हैं। यहां तक कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भी वह प्रतिभाग कर चुके हैं। श्रीश्री रवि शंकर से प्रेरित और प्रशिक्षित आदित्य की शुरुआती दिनों से ही योग में गहरी रुचि रही है। परिषदीय विद्यालय में वर्ष 1999 में शिक्षक पद पर चयनित होने के बाद वह अपने विद्यालय के बच्चों को बुनियादी शिक्षा देने के साथ ही योग में भी प्रशिक्षित करते रहे हैं।
सोमवंशी के शिष्यों की उपलब्धि रही है
सहायक अध्यापक आदित्य कुमार सिंह सोमवंशी के विद्यालय के बच्चे प्रति वर्ष जिला स्तर पर होने वाले प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान तो पाते ही हैं, प्रदेश स्तर पर होने वाले योग प्रतियोगिता में भी प्रथम स्थान पा चुके हैं। यही नहीं इनकी देखरेख में प्रशिक्षित चार छात्र सचिन, साहिल, अजय और विशाल नेशनल योग ओलंपियाड एनसीईआरटी नई दिल्ली में भी प्रतिभाग कर चुके हैं।
पुरस्कृत हो चुके हैं सहायक अध्यापक
आदित्य स्वयं भी शिक्षकों के योग प्रतियोगिता में जिले में प्रथम स्थान पाने के साथ ही राज्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण अनुसंधान केंद्र लखनऊ से योग के क्षेत्र में अच्छा काम करने के चलते पुरस्कृत हो चुके हैं। इनके द्वारा वर्ष 2018 में बनाए गए योग माड्यूल पर प्रदेश भर के मास्टर ट्रेनेरों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। कोरोना काल में जब लोग घरों में दुबके हुए थे तब इन्होंने श्रीश्री रविशंकर के संस्थान से जुड़कर ऑनलाइन पीएसी के जवानों को योग विद्या से प्रशिक्षित करके उनका इम्युनिटी स्तर बढ़ाने का कार्य किया।
बोले, योग से बच्चों का विकास बेहतर हो सकता है
वह अपने विद्यालय के बच्चों को प्रतिदिन पढ़ाई के दौरान एक घंटा सुबह और एक घंटा शाम की पाली में योग से संबंधित अभ्यास अवश्य कराते हैं। उनका मानना है कि इससे बच्चों का शारीरिक मानसिक विकास बेहतर ढंग से हो सकता है। विद्यालय आने की उनकी रुचि भी बनी रहेगी।