चुनाव ड्यूटी पर लगने वाले शिक्षकों ने जानिए क्या रखी है प्रशासन के सामने मांग औऱ क्यों
उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश लखनऊ को पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि विधानसभा चुनाव में लगने वाले प्रत्येक कर्मी को कोरोनाकर्मी माना जाए। चाहे वह प्रशिक्षण में शामिल हो या फिर मतदान या अन्न गतिविधि में।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। आगामी विधानसभा चुनाव में बडे़ पैमाने पर शिक्षकों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। मगर चुनाव ड्यूटी से पहले शिक्षकों की तरफ से एक मांग उठी है। दरअसल, इन सभी को कोरोना कर्मी का दर्जा देने के लिए आवाज उठाई जा रही है। शिक्षक संघों का कहना है कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले प्रदेश भर के 1622 शिक्षकों व कर्मियों की जान कोरोना संक्रमण के चलते गई थी। उन्हें कोरोनाकर्मी का दर्जा नहीं मिलने के कारण किसी तरह का लाभ भी नहीं दिया गया। फिर वही हालात पैदा हो रहे हैं।
यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी को लिखा गया पत्र
उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश लखनऊ को पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि विधानसभा चुनाव में लगने वाले प्रत्येक कर्मी को कोरोनाकर्मी माना जाए। चाहे वह प्रशिक्षण में शामिल हो या फिर मतदान या अन्न गतिविधि में। पत्र में बताया गया है कि स्कूल के शिक्षकों के साथ शिक्षामित्रों की भी ड्यूटी लगाई जा रही है। उनकी सुरक्षा के लिए किसी तरह के ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जिन लोगों की चुनाव में ड्यूटी लग रही है उन्हें 50 लाख का बीमा कवर दिया जाए। जो प्रशिक्षण गतिविधि हो वह आनलाइन कराई जाए।
खासकर महिला कर्मियों को ड्यूटी से मुक्त रखा जाए। यदि उनकी ड्यूटी लगाना अनिवार्य हो तो पति पत्नी में से किसी एक की ड्यूटी लगे। ऐसा इसलिए कि संक्रमण की स्थिति में परिवार की देखभाल करने वाला कोई मौजूद रहे। निर्वाचन ड्यूटी से वापस आने पर प्रत्येक कर्मी को अनिवार्य रूप से सात दिन का अवकाश दिया जाए जिससे वह होमआइसोलेशन में रह सके। ऐसा करने से संक्रमण के विस्तार को रोकने में मदद मिलेगी। प्रत्येक शिक्षक व कर्मी को बूस्टर डोज भी जरूर दिलाई जाए। पूर्व के पंचायत चुनाव से सबक लेते हुए कोरोना से बचाव संबंधी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन कराया जाए। सभी कर्मियों को मास्क, सैनिटाइजर, कोरोना से बचाव संबंधी किट भी दी जाए।