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राजकीय हाईस्कूलों के शिक्षकों का वेतन दो महीने से नहीं मिल रहा है, शिक्षक संघ ने उठाई आवाज

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री डॉ. रवि भूषण ने बताया कि सभी शिक्षक व कर्मचारी महामारी से सामना करने में जुटे हैं। जिसे जो जिम्मेदारी दी जा रही है उसे निभाया जा रहा है। इसके बाद भी दो महीने से शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 08:12 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 08:12 AM (IST)
राजकीय हाईस्कूलों के शिक्षकों का वेतन दो महीने से नहीं मिल रहा है, शिक्षक संघ ने उठाई आवाज
राजकीय हाईस्‍कूलों के शिक्षकों को वेतन दिलाने के लिए राजकीय शिक्षक संघ आगे आया है।

प्रयागराज, जेएनएन। राजकीय हाईस्‍कूलों के शिक्षकों के समक्ष इन दिनों समस्‍या है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि उन्‍हें दो माह से वेतन ही नहीं मिल रहा है। इससे उनके समक्ष कोरोना काल में आ‍र्थिक दिक्‍कत है। इस संबंध में

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राजकीय शिक्षक संघ ने उनकी आवाज उठाई है। संघ ने अपर मुख्य सचिव माध्यमिक को पत्र लिखा है। इसमें राजकीय हाईस्कूलों के शिक्षक व कर्मचारियों को दो महीने से वेतन न मिलने की समस्‍या इंगित करते हुए तत्‍काल दिलाने की मांग की है।

कोरोना काल में शिक्षक अपनी जिम्‍मेदारी निभा रहे हैं : रवि भूषण

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री डॉ. रवि भूषण ने बताया कि सभी शिक्षक व कर्मचारी महामारी से सामना करने में जुटे हैं। जिसे जो जिम्मेदारी दी जा रही है, उसे निभाया जा रहा है। इसके बाद भी दो महीने से शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है।

शिक्षकों ने वेतन के लिए पिछले वर्ष धरना दिया था

गौरतलब है कि छह फरवरी 2020 को प्रदेश स्तरीय आह्वान पर शिक्षकों ने वेतन न मिलने पर धरना दिया था। उस समय शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने आश्वासन दिया था कि अब अगले वर्ष वित्त की कमी के चलते वेतन की समस्या नहीं आने पाएगी। पर फिर यह समस्या खड़ी हो गई है।

नान प्लान मद से बजट आवंटन की मांग

राजकीय शिक्षक संघ ने मांग की है कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत खुले स्कूलों ने नौ वर्ष पूरे कर लिए हैं। अब अन्य राजकीय विद्यालयों की तरह इनके लिए भी नान प्लान मंद से बजट जारी कर वेतन भुगतान किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त इन विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिल का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। यह तर्क दिया जाता है कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा के तहत बजट का आवंटन नहीं हुआ है। इस महामारी के दौर में तमाम शिक्षक व कर्मचारी संक्रमण की जद में हैं। उन्हें महंगा इलाज कराना पड़ रहा है। चिकित्सा प्रतिपूर्ति न मिलने पर इलाज में भी कठिनाई हो रही है।


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