परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने वार्षिक गोपनीय आख्या पर जताई आपत्ति, कहा-इसे मापने के मानक ठीक नहीं
शिक्षकों का कहना है कि दीक्षा एप व पोर्टल का उपयोग अभिभावकों व छात्रों द्वारा न करने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर थोपना भी अनुचित है। परीक्षा परिणाम का वितरण शिक्षक अवश्य करते हैं लेकिन इसकी छपाई उच्चाधिकारियों द्वारा करवाई जाती है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने वार्षिक गोपनीय आख्या मापने के लिए जारी मानक पर आपत्ति जताई है। इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र भेजा है। शिक्षकों का कहना है कि ऑपरेशन कायाकल्प के तहत विद्यालय के सुन्दरीकरण के लियन 14 मानक हैं। इन पर काम कराने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव, ग्राम पंचायत राज अधिकारी, खंड विकास अधिकारी को मुख्य विकास अधिकारी व जिलाधिकारी की ओर से दी गई है।
बोले शिक्षक, इस बिंदु पर फिर से विचार करना चाहिए
इन कार्यों के लिए प्रधानाध्यापकों को जिम्मेदार ठहराना गलत है। इसके अतिरिक्त शिक्षकों को छात्रों की उपस्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराना उचित हो सकता है लेकिन इसके साथ छात्रों के अभिभावकों के आर्थिक, सामाजिक व शैक्षिक पहलुओं पर भी विचार करना होगा। सिर्फ शिक्षकों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना पूरी तरह से गलत है। दीक्षा एप व पोर्टल का उपयोग अभिभावकों व छात्रों द्वारा न करने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर थोपना भी अनुचित है। परीक्षा परिणाम का वितरण शिक्षक अवश्य करते हैं लेकिन इसकी छपाई उच्चाधिकारियों द्वारा करवाई जाती है। छपाई का समय व दिनांक भी महत्वपूर्ण है। इस बिंदु पर फिर से विचार करना चाहिए।
केवल शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराना अनुचित बताया
एसएमसी की बैठक में एसएमसी के सदस्यों का न आना उन सदस्यों के विद्यालय के प्रति लगाव, जागरूकता व त्याग पर निर्भर करता है। इसके लिए केवल शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराना अनुचित है। यह सभी बिंदु ऐसे हैं जिन पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए। ऐसा न करने पर शिक्षक पर अनावश्यक रूप से दबाव बनेगा।