परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने प्रयागराज के जिलाधिकारी से मांगा स्वास्थ्य बीमा, मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
समूचे प्रकरण को सुनने के बाद जिलाधिकारी ने शिक्षकों के द्वारा सौपे गए पत्र को मुख्यमंत्री के समक्ष रखने का भी भरोसा दिलाया। अध्यापकों का प्रतिनिधित्व कर रहे राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष कामता नाथ ने कहा कि यदि सुनवाई नहीं हुई तो सभी शिक्षक लखनऊ कूच करेंगे।
प्रयागराज, जेएनएन। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए मुहिम तेज कर दी है। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दी जाए। यदि किसी शिक्षक की दुर्घटना या अन्य किसी तरह के हादसे में मौत हो जाए तो 20 लाख रुपये का सामूहिक बीमा भी किया जाए। इसके अतिरिक्त शिक्षकों का यह भी कहना है कि उन्हें राज्य कर्मचारी का भी दर्जा दें। इस मांगों को लेकर शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से भी मिला और कहा कि लंबे समय से समस्याओं को उठाया जा रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
समूचे प्रकरण को सुनने के बाद जिलाधिकारी ने शिक्षकों के द्वारा सौपे गए पत्र को मुख्यमंत्री के समक्ष रखने का भी भरोसा दिलाया। अध्यापकों का प्रतिनिधित्व कर रहे राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष कामता नाथ ने कहा कि यदि सुनवाई नहीं हुई तो सभी शिक्षक लखनऊ कूच करेंगे।
डीएम को सौपे पत्र में प्रधानाध्यापकों और अध्यापकों की वाॢषक गोपनीय आख्या के लिए तय दस मानकों पर भी आपत्ति जताई गई। कहा गया कि जो मानक शासन की तरफ से तय किए गए हैं वह ठीक नहीं है। इससे शिक्षकों का शोषण होगा। सभी बिंदु एकतरफा निर्धारित हैं। प्रत्येक चीज के लिए शिक्षकों को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इन बिंदुओं के प्रति अभिभावकों को भी सजग होना पड़ेगा। जिलाध्यक्ष ने बताया कि विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन की बहाल हो। जो तकनीकी समस्या आ रही हो उसे जल्द से जल्द दूर किया जाए। इस दौरान राम आसरे सिंह, सुतीक्ष्ण त्रिपाठी, दीपक जाह्नवी, कुसुम मिश्रा, सविता शर्मा, उमाशंकर त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।