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Teacher Recruitment in State University : शिक्षक भर्ती में मनमानी का आरोप, पिछड़ा वर्ग आयोग ने मांगा है जवाब

Teacher Recruitment in State University प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती में अनियमितता का आरोप लगाया गया है। इस पर पिछड़ा वर्ग आयोग ने राज्य विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है। इसके लिए एक सप्‍ताह का समय दिया गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 08:48 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 08:48 AM (IST)
Teacher Recruitment in State University : शिक्षक भर्ती में मनमानी का आरोप, पिछड़ा वर्ग आयोग ने मांगा है जवाब
प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय से शिक्षक भर्ती में अनियमितता का आरोप लगा है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय से शिक्षक भर्ती का मामला बढ़ गया है। पिछले दिनों आयोग से की गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि भर्ती प्रक्रिया में मनमानी की गई है। इसे संज्ञान में लेते हुए पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस राज्य विश्वविद्यालय से भर्ती प्रक्रिया पर जवाब-तलब किया है। इसके लिए आयोग ने विवि प्रशासन को एक सप्ताह का वक्त दिया है।

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कार्य परिषद की बैठक में शिक्षकों की नियुक्ति पर मुहर लगी थी

राज्य विश्वविद्यालय में 15 विषयों में 76 शिक्षक पद के लिए आवेदन मांगे गए थे। प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के 19-19 तथा असिस्टेंट प्रोफेसर के 38 पदों के लिए 22 नवंबर से 22 दिसंबर 2019 तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। 22 जुलाई से इंटरव्यू शुरू हुआ था। पिछले दिनों कार्य परिषद की बैठक में शिक्षकों की नियुक्ति पर मुहर भी लग गई थी।

भर्ती प्रक्रिया में लगे हैं ये आरोप

बैरहना की रेखा सिंह ने आयोग को पत्र भेजकर भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाया है। उनकी शिकायत है कि पिछड़ी जाति और अनुसूचित जाति के पदों को नॉन सुटेबल फाउंड (एनएसएफ) घोषित कर दिया गया। साथ ही कई विषयों के साक्षात्कार में कम एपीआइ अंक वाले आवेदकों को बुलाया गया। भर्ती की पूरी प्रक्रिया से कुलसचिव को दूर रखा गया। शैक्षिक पदों की नियुक्ति के लिए वर्णमाला के वर्णक्रम गलत हैं और गलत वर्णक्रम में आरक्षण रोस्टर भी सही नहीं है।

जवाब नहीं दिया तो आयोग करेगा न्‍यायिक शक्तियों का प्रयाेग

शिकायतकर्ता का यह भी दावा है कि 10 अगस्त को कार्य परिषद की बैठक में उप कुलसचिव (प्रशासन) और कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक ने प्रक्रिया को गलत बताया तो उन्हें सीमा में रहने की चेतावनी दी गई। आयोग की संयुक्त निदेशक मधुमाला चट्टोपाध्याय ने इस शिकायत पर विवि प्रशासन को पत्र भेजकर जवाब-तलब किया है। आयोग ने पत्र में स्पष्ट किया है कि यदि एक सप्ताह के भीतर जवाब नहीं मिलता है तो आयोग न्यायिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए सुनवाई करने का निर्णय लेगा।

बोले, राज्य विश्वविद्यालय के रजिस्‍ट्रार

इस संबंध में प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार शेषनाथ पांडेय का कहना है कि उन्हें आयोग की नोटिस की बारे में कोई जानकारी नहीं है।


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