स्वजन से फोन पर फ्री में बात करें बंदी
केंद्रीय कारागार के महिला जेल समेत सभी सíकलों में निश्शुल्क पीसीओ स्थापित किया जा रहा है। यहां से बंदी बात कर सकेंगे।
नरेंद्र श्रीवास्तव, नैनी
केंद्रीय कारागार के महिला जेल समेत सभी सíकलों में निश्शुल्क पीसीओ स्थापित किया गया है। कोरोना संक्रमण काल में मुलाकात बंद है। ऐसे में बंदियों में परिवार से मुलाकात न होने पर अवसाद की स्थिति न उत्पन्न हो, इसे देखते हुए जेल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। बंदी मुफ्त में अपने स्वजन से बात कर सकेंगे। बातचीत करने की अवधि पाच मिनट निर्धारित की गई है।
एक सप्ताह पहले तक जेल में एक ही पीसीओ काम करता था। अधिकाश बंदी अपने स्वजनों से बात करने से वंचित रह जाते थे। बंदियों की इस परेशानी को देखते हुए जेल प्रशासन ने अब महिला बैरक समेत सभी सíकलों में पीसीओ की स्थापना की है। पीसीओ के रूप में यूज़ किया जा रहे मोबाइल की जिम्मेदारी सíकल प्रभारी डिप्टी जेलर को दी गई है। प्रतिदिन एक सíकल के सौ बंदी दिन भर में बात करते हैं। प्रत्येक बंदियों को रोटेशन में एक सप्ताह बाद उनका नंबर लगता है। बात कराने से पहले बंदी रक्षक इस बात की तस्दीक कर लेते हैं कि जहा फोन मिलाया गया है वह बंदी के स्वजन ही है। इसके अलावा उनकी बातों को भी सुनकर तस्दीक की जाती है। इन दिनों जेल में करीब चार हजार बंदी है। प्रतिदिन सात सौ बंदियों की बात अपने परिजनों से हो रही है। सप्ताह भर के रोटेशन के बाद दोबारा बारी के इंतजार में बंदी आस लगाए रहते हैं।
खास बातें
05 सर्किल, महिला बैरक व अस्थायी सर्किल में लगे निश्शुल्क पीसीओ
07 सौ बंदियों की रोज होती है अपने स्वजन से फोन पर बातचीत
05 मिनट ही अपने स्वजनों से बात कर सकते हैं बंदी
04 हजार बंदी हैं मौजूदा समय में केंद्रीय कारागार में
कोट----------
बंदियों की उनके स्वजनों से समय-समय पर बात हो जाती है तो वे मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं। बंदियों की इस परेशानी को देखते हुए सभी सíकलों में निश्शुल्क बात करने की व्यवस्था कराई गई है।
पीएन पाडे, वरिष्ठ जेल अधीक्षक